तुम्हारी मीठी मधुर मुस्कान तीखी चिंतवन
और मीठे क्तक्च , क्तक्च कटाक्ष
तुम्हारा सादगी पूर्ण
तरतीब से सिले वस्त्र
उसपर तुम्हारी सादगी
और कटा बताऊँ चित्रलेखा
क्या शायर बनाने
किसीको
इतना साजोसामान कम है
तू ही बता, कोइ तुझे छोड़कर
कहा जाये
तेरे सिवा कहा पाये
दिल की खुशियां
और मीठे क्तक्च , क्तक्च कटाक्ष
तुम्हारा सादगी पूर्ण
तरतीब से सिले वस्त्र
उसपर तुम्हारी सादगी
और कटा बताऊँ चित्रलेखा
क्या शायर बनाने
किसीको
इतना साजोसामान कम है
तू ही बता, कोइ तुझे छोड़कर
कहा जाये
तेरे सिवा कहा पाये
दिल की खुशियां
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