Thursday 3 December 2015

bnaras ki byar: hnsa jaye akela

bnaras ki byar: hnsa jaye akela:    जी बुआजी के घर आती ही, धीरोजा मेहतरानी , वह जब भी हमारे यंहा आती, घर का आँगन गुलजार हो जाता , मेहतरानी थी, तो आँगन तक ही आती थी, रोज चाय...

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