Tuesday 17 December 2013

बहुत
बहुत याद अति हो 
बहुत याद आती हो 
जानेमन 
जब देखती हूँ 
जब दिखती है 
लड़कियां बस में कंही जाते हुए 
तो, यंही याद आता है 
कि, तुम भी अपने चुन्नू मुन्नू को गोद में लिए 
कंही से आ रही होगी घर के 
घर के कितने कम होंगे 
तब जेहन में 
बाकि कविता आराम से घर में लिखूंगी 
यंहा डिस्टर्ब है 

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