बहुत
बहुत याद अति हो
बहुत याद आती हो
जानेमन
जब देखती हूँ
जब दिखती है
लड़कियां बस में कंही जाते हुए
तो, यंही याद आता है
कि, तुम भी अपने चुन्नू मुन्नू को गोद में लिए
कंही से आ रही होगी घर के
घर के कितने कम होंगे
तब जेहन में
बाकि कविता आराम से घर में लिखूंगी
यंहा डिस्टर्ब है
बहुत याद अति हो
बहुत याद आती हो
जानेमन
जब देखती हूँ
जब दिखती है
लड़कियां बस में कंही जाते हुए
तो, यंही याद आता है
कि, तुम भी अपने चुन्नू मुन्नू को गोद में लिए
कंही से आ रही होगी घर के
घर के कितने कम होंगे
तब जेहन में
बाकि कविता आराम से घर में लिखूंगी
यंहा डिस्टर्ब है
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