Tuesday 3 December 2013

मन्नू -रूठ गयी है , अब उसे मनाने का जातां करता हूँ 
मन्नू बाबाजी बनकर जाता है , रम्भा के रूम में 
मन्नू-कोई है रम्भा 
रम्भा कि सहेली अति है, संध्या 
संध्या -कौन है 
मन्नू--कहो कि, तोतलानी बाबाजी आ ए है 
संध्या(ध्यान से देखकर)--ठीक है ,पर तुम तोतला क्र दिखाओ 
मन्नू सीधे अंदर जाता है , सामने रम्भा लिपस्टिक लगा रही है 
मन्नू जो बाबाजी बना है --सुंदरी , ऐसा मत करो ,तुम्हारे  लिपस्टिक लगाने से सारा डिस्टिक हिलता है 
रम्भा-आप हमे हमारा भविष्य बताओ 
मन्नू (रम्भा का हाथ हाथ में लेकर )-बहुत मुलायम भविष्य है, आपका 
रम्भा(हाथ खीचते हुए)जल्दी 
मन्नू-सुंदरी , सुनो, आपका होने वाला पति बहुत अनुराग वाला होगा 
रम्भा-ये क्या होता है 
मन्नू(सोचते हुए)वो सुहागरात कि फूल ग्यारंटी वाला पति होता है 
रम्भा उसका विग खींचके बहुत मारती है 
मन्नू 

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