दिलवाली ,
तुम्हारी दिवाली का क्या कहना
जब भी दिए जलाती हो तुम भी मुस्काती हो
और जलते दीयों भी तुम्हे देख मुस्काते है
ये दिवाली जब भी आती है
तुम भी याद आती हो
वो, दिवाली जब
अनजाने में
दिए जलते हुए
तुम नज़र आई थी
तब लगा था,
वाकई में दिवाली ये है
तुम्हारी दिवाली का क्या कहना
जब भी दिए जलाती हो तुम भी मुस्काती हो
और जलते दीयों भी तुम्हे देख मुस्काते है
ये दिवाली जब भी आती है
तुम भी याद आती हो
वो, दिवाली जब
अनजाने में
दिए जलते हुए
तुम नज़र आई थी
तब लगा था,
वाकई में दिवाली ये है
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