Sunday 15 November 2015

bnaras ki byar: hnsa jaye akela

bnaras ki byar: hnsa jaye akela: आज वक़्त है, कि कुछ लिखूं, क्या पता कल वक़्त मिले न मिले आज एक पुरानी पत्रिका से एक संस्मरण देख रही थी बहुत अच्छा लग रहा था, लगा ये पुरानी ...

No comments:

Post a Comment