तू
शब्दों से परे
एक अहसास
इतनी खबसूरत
जैसे फागुनी पलाश
ऐसी मदमाती
जैसे शिशिर में
फूला हो पलाश
तेरा आना जीवन में
लगता है
ज्यूँ लगा हो मधुमास
तेरी बातें ऐसी
मानो तरंगित हो उल्लास
तू है , जन्हा लगता है
सितारों से जगमगाता आकाश
ए , परी , ए अप्सरा
वंहा कंही स्वर्ग होगा
जन्हा होगी तू , तेरे आसपास
मेरे जख्मी दिल की
तू ही तो है , अबुझ प्यास
शब्दों से परे
एक अहसास
इतनी खबसूरत
जैसे फागुनी पलाश
ऐसी मदमाती
जैसे शिशिर में
फूला हो पलाश
तेरा आना जीवन में
लगता है
ज्यूँ लगा हो मधुमास
तेरी बातें ऐसी
मानो तरंगित हो उल्लास
तू है , जन्हा लगता है
सितारों से जगमगाता आकाश
ए , परी , ए अप्सरा
वंहा कंही स्वर्ग होगा
जन्हा होगी तू , तेरे आसपास
मेरे जख्मी दिल की
तू ही तो है , अबुझ प्यास
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