bnaras ki byar
Saturday 14 November 2015
bnaras ki byar: hnsa jaye akela
bnaras ki byar: hnsa jaye akela
: आज से ये फिरसे लिख रही हूँ, क्या है , कि , हंसा जाये अकेला को, किसी ने शरारत में हमसा जाये अकेला कर दिया था , मुझे ये भी पता है,, की ये नतत...
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