Tuesday 13 August 2013

ab sirf, ye kavita likhungi

हाँ , सिर्फ और
सिर्फ तुम्हे
ह्रदय का उपहार
मेरे प्यार
याद कर तुम्हे
भेज रही हूँ
प्रेम-पत्र
भरा है , जिसमें
मेरा ह्रदय
तुम्हारे बिना लगता
जीवन निस्सार
मुखर होते है
तुम्हारी स्मृति से
प्रेमोदगार
न सम्भाल सको
तो, लौटा देना
ये, प्रेमोपहार
तुम बिन जीवन लगता
 जलता अंगार
गर, तुम साथ दो,तो
रच दूँ , मै
एक नया  संसार

जोगेश्वरी (इसी ही कवितायेँ लिखूंगी, क्योंकि, सच असहनीय है )

No comments:

Post a Comment