यदि प्यार में चाहते हो
अलगाव तो
जला लो नफरत के अलाव
प्यार की चट्टान को
नफरत की आग से
पिघल जाने दो
प्रेम की हर शिला को
अपने भीतर ही भीतर
मौन हो,गल जाने दो
और दफ़न कर दो
अपने हर अरमानों को
अलगाव तो
जला लो नफरत के अलाव
प्यार की चट्टान को
नफरत की आग से
पिघल जाने दो
प्रेम की हर शिला को
अपने भीतर ही भीतर
मौन हो,गल जाने दो
और दफ़न कर दो
अपने हर अरमानों को
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