ये लहकते हुए जंगल
ये उड़ते हुए बादल
ये बहते हुए झरने
कल कल
इन सबके बीच
याद आ रहा है
लहराता हुवा
तेरा आँचल
बदल रहा है
प्रतिपल
पर नही बदलता
तेरे नैनो का काजल
ये उड़ते हुए बादल
ये बहते हुए झरने
कल कल
इन सबके बीच
याद आ रहा है
लहराता हुवा
तेरा आँचल
बदल रहा है
प्रतिपल
पर नही बदलता
तेरे नैनो का काजल
average poem
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