कुंवर की धुप की तरह
अल्हड तुम्हारी हँसी
इसे दिल में बसी
धरती पर उतरी हो
जैसे कोई अप्सरा
की, तुम मेनका हो ,
या, की उर्वशी
जोगेश्वरी
sorry ज्यादा प्रसंशा के लिए
अल्हड तुम्हारी हँसी
इसे दिल में बसी
धरती पर उतरी हो
जैसे कोई अप्सरा
की, तुम मेनका हो ,
या, की उर्वशी
जोगेश्वरी
sorry ज्यादा प्रसंशा के लिए
copy krne ke liye sorry, kintu ye pasand h, mujhe
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