Saturday 10 August 2013

vo kaun si khumari h

वो कौन सी खुमारी है
जो, मेरे ख्याल के साथ
तेरे हवाश पर तारी है
तभी तो, तुझसे जुदा होके भी
तेरे संग संवाद जारी है
            २
क्या आज भी , उसी तरह
तेरे गाल लाल हो जाते है
मेरे नाम के साथ
खिल जाते है , तेरे मुखड़े पर
ढेर सारे  गुलाब
          ३
क्या आज भी
हाँ, आज भी
तुम सोचती हो
उसके नाम को
धडकते दिलों से
जब कंही किताबों में
साँस लेता मिलता है
कोई सुर्ख गुलाब
           ४
ये कैसा अजीब रिश्ता है
धडकनों का गुलाब संग
महकता हुवा , पुरअसर
ज्यों , बिच में से गुजरा हो
वक्त, एक कतरा सा
जोगेश्वरी

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