ये जो अपने सौंदर्य से तू
मचा रही है धूम
मन करता है
चोरीसे सबकी नज़रें बचके
तेरा शुभ्र ललाट लू चूम
ये इठलाती
बलखाती
मुस्कराती हुई
जो, तुम सबके सामने से निकलती है
सच, पल पल
कितने रंग बदलती है
मचा रही है धूम
मन करता है
चोरीसे सबकी नज़रें बचके
तेरा शुभ्र ललाट लू चूम
ये इठलाती
बलखाती
मुस्कराती हुई
जो, तुम सबके सामने से निकलती है
सच, पल पल
कितने रंग बदलती है
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