जबसे तेरे चेहरे पर
निखार आया है
ये मालूम हुवा कि
मौसम बहार आया है
जब पेड़ों कि छाहँ
लम्बी छांव
बगिया में पढ़ रही होगी
सच तू वंही कंही बैठी
किताब पढ़ रही होगी
ये मधुलिका
ये
ये मधुलिका
कौन है जो
तेरे नशीले नयन बनों में
बिंधकर
बेमोल नही बिका
यूँ
यूँ चोरी से
यूँ ही चोरी चोरी से
पानी कि लहरों पर
न लिखा करो मेरा नाम
कि , लहरें आकाश तक उठा करती है
बरषत में बरसकर
बुँदे धरती से कह देगी
मेरा छिपा हुवा प्यार
बिखर जायेगा , जब वर्षा में
भीगी हवाओं संग
निखार आया है
ये मालूम हुवा कि
मौसम बहार आया है
जब पेड़ों कि छाहँ
लम्बी छांव
बगिया में पढ़ रही होगी
सच तू वंही कंही बैठी
किताब पढ़ रही होगी
ये मधुलिका
ये
ये मधुलिका
कौन है जो
तेरे नशीले नयन बनों में
बिंधकर
बेमोल नही बिका
यूँ
यूँ चोरी से
यूँ ही चोरी चोरी से
पानी कि लहरों पर
न लिखा करो मेरा नाम
कि , लहरें आकाश तक उठा करती है
बरषत में बरसकर
बुँदे धरती से कह देगी
मेरा छिपा हुवा प्यार
बिखर जायेगा , जब वर्षा में
भीगी हवाओं संग
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