Tuesday, 28 January 2014

pryshi 
प्रेयशी उर्वशी 
प्रेयशी 
रूप चले जाता है 
रूप कि धुप ढल जाती है 
जवानी चली जाती है 
सिर्फ यादें रह जाती है 
जो, तुम्हारे अधरों कि 
मधुर हंसी कि तरह 
दिल से कभी नही जाती 

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