Friday 31 January 2014

यूँ न चोरी चोरी 
गंगा कि लहरों पर 
यूँ न लिखा कीजिये 
चोरी चोरी मेरा नाम 
गंगा कि चंचल लहरों पर 
कि वो जाकर ये राज 
समंदर से कह देगी 
और जब वर्षा होगी तो 
बिजली कि चमक के बिच 
मेरा नाम, बिखर जायेगा 
धरती के जर्रे जर्रे में 
बर्षाती मतवाली बूंदों के संग 

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