ye sur
ये सुरपुर कि अप्सरा
जब बजते है तेरे नुपुर
तरंगित होता है, संसार
क्या फर्क पड़ता है
कि तू पास रहे , चाहे दूर
जब सजता है तेरा गज़रा
और नशीला तेरा कजरा
समझ कैसे तेरे बिन
एक एक पल होगा गुजरा
ये सुरपुर कि अप्सरा
जब बजते है तेरे नुपुर
तरंगित होता है, संसार
क्या फर्क पड़ता है
कि तू पास रहे , चाहे दूर
जब सजता है तेरा गज़रा
और नशीला तेरा कजरा
समझ कैसे तेरे बिन
एक एक पल होगा गुजरा
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