हर और हालातों का छाया कोहरा था
बस एक तेरा चेहरा ही सुनहरा था
ये मेरे ख्वाबों कि ताबीर
तेरा हँसता हुवा चेहरा
और मुस्कराता हुवा कमल
खिलता हुवा कमल
दोनों कितने मिलते है
तू अकेली ही तो है
एक लजीली गज़ल
रूप तेरा सुनहरा
धुप जैसे पत्तल पत्तल
तेरे लबों कि लाली
जैसे कि हो सुर्ख मलमल
रूप तेरा झिलमिल झिलमिल
कभी तो सामने से आके मिल
यूँ न परदे में रह
तेरी रौनक से
जिंदगी में चमन बहार है
तेरी मौजूदगी से
हर पल में निखार है
बस एक तेरा चेहरा ही सुनहरा था
ये मेरे ख्वाबों कि ताबीर
तेरा हँसता हुवा चेहरा
और मुस्कराता हुवा कमल
खिलता हुवा कमल
दोनों कितने मिलते है
तू अकेली ही तो है
एक लजीली गज़ल
रूप तेरा सुनहरा
धुप जैसे पत्तल पत्तल
तेरे लबों कि लाली
जैसे कि हो सुर्ख मलमल
रूप तेरा झिलमिल झिलमिल
कभी तो सामने से आके मिल
यूँ न परदे में रह
तेरी रौनक से
जिंदगी में चमन बहार है
तेरी मौजूदगी से
हर पल में निखार है
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