Saturday 21 September 2013

haldi chandan

हल्दी चन्दन से रचा ये , तेरा बदन
घर गृहस्थी सजाने की ये, तेरी लगन
फूलों सा खिल तेरा चमन
कुंवारे सपनों को मेरा नमन
सपनों से सजे , ये तेरे नयन
सितारों से भरा ये,तेरा गगन
मनभावन भावों से भरा तेरा ये मन
जाने, कब होगा , दिलों का  मिलन
युग युग से ,है। अधुरा मिलन 

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