प्यार बहुत सहारा देता है
बहुत दूर रहकर भी
वो, प्रच्छन तारे की तरह
ह्रदय में उदित होता है
सारे तारे डूब जाते है
किन्तु, प्रेम का धूमकेतु
कभी भी अस्त नही होता
उसे मेघ ढका तारा मत कहना
इतना धुंधला प्यार नही है
बहुत दूर रहकर भी
वो, प्रच्छन तारे की तरह
ह्रदय में उदित होता है
सारे तारे डूब जाते है
किन्तु, प्रेम का धूमकेतु
कभी भी अस्त नही होता
उसे मेघ ढका तारा मत कहना
इतना धुंधला प्यार नही है
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