तेरे शहर में
कौन सोता है
शायद कोई नही
वंहा तो, अर्ध रात्रि में भी
सभी जागते है
लहरों पर
जीवन का जशन
अंगड़ाई लेता है
ऐसा है, ये तेरा शहर
अल्हड , मस्ती भरा
कौन सोता है
शायद कोई नही
वंहा तो, अर्ध रात्रि में भी
सभी जागते है
लहरों पर
जीवन का जशन
अंगड़ाई लेता है
ऐसा है, ये तेरा शहर
अल्हड , मस्ती भरा
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