Sunday 20 October 2013

जब सामने अति हो 
तो ,सिर्फ एक 
चिरंतन कविता होती हो 
चिरंतन सत्य से भरी 
एक कविता होती हो 
नाम तो, बरबस 
बाद में यद् अत है 

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