scene २
जब कजरी गौ विलेन पप्पू को मरती है
तो, एक शॉट दिखाते है
गौर भौजी चाय उबल रही है वो , उफान जाती है
पुप्पू कजरी गौ को, पकडकर पगहे से मरते लता है
तो, गौरा मन्नू को उठाते हुए कहती है
कजरी, रम्भा रही है
सुनते ही, मन्नू उचक क्र उठ बैठता है
मन्नू -कान्हा है, रम्भा। ऱे
गौरा --ली सुनो, इन्हें, सपने में भी रम्भा नजर ईल
(देखो, हमे नही ईल , भोजपुरी )
तब पप्पू अत है कजरी , एक और लत उसे मारकर , कोठे में घुस जाती है
पप्पू-- अरे ओ , भैंसासुर। ….
मन्नू----अरे, कौन ,महिशसुर…। समझ नही आ रहा। हम सो रहे है ये हमारी नींद में कौन बगुला खलल दल रहा ह पप्पू
पप्पू, व् मन्नू की हथ्पाई को गौर छुड़ा टी है, इस बार फिर गौ उनके बिच से भागती है, पीछ मैना भी
पप्पू देखने लगता है
मन्नू---जम्भाई लेते हुए )हां, बतिबा , कहे को, रिरिय रहे हो पप्पू--कहे, इतनी ठसक
मन्नू--अरे, करोर्पति बनने का सपना देख रहे थे,
ब्च्चँव हमसे प्रशन पूछ रहे थे, तुम बिच में आईगे , तहरी मरने। …्ए
जब कजरी गौ विलेन पप्पू को मरती है
तो, एक शॉट दिखाते है
गौर भौजी चाय उबल रही है वो , उफान जाती है
पुप्पू कजरी गौ को, पकडकर पगहे से मरते लता है
तो, गौरा मन्नू को उठाते हुए कहती है
कजरी, रम्भा रही है
सुनते ही, मन्नू उचक क्र उठ बैठता है
मन्नू -कान्हा है, रम्भा। ऱे
गौरा --ली सुनो, इन्हें, सपने में भी रम्भा नजर ईल
(देखो, हमे नही ईल , भोजपुरी )
तब पप्पू अत है कजरी , एक और लत उसे मारकर , कोठे में घुस जाती है
पप्पू-- अरे ओ , भैंसासुर। ….
मन्नू----अरे, कौन ,महिशसुर…। समझ नही आ रहा। हम सो रहे है ये हमारी नींद में कौन बगुला खलल दल रहा ह पप्पू
पप्पू, व् मन्नू की हथ्पाई को गौर छुड़ा टी है, इस बार फिर गौ उनके बिच से भागती है, पीछ मैना भी
पप्पू देखने लगता है
मन्नू---जम्भाई लेते हुए )हां, बतिबा , कहे को, रिरिय रहे हो पप्पू--कहे, इतनी ठसक
मन्नू--अरे, करोर्पति बनने का सपना देख रहे थे,
ब्च्चँव हमसे प्रशन पूछ रहे थे, तुम बिच में आईगे , तहरी मरने। …्ए
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