मास्टर शॉट
वाइड ओपन करते है
साइन ५
मन्नू अपनी पद्मा भाभी के पास जाता है
ये गाँव के बहार का द्रश्य है
कैमरा एक घर की बगिया को देखता है
चरों और का शॉट लेते है मन्नू के पास
एक नन्हा बच्चा आता है
मन्नू--अरे , जोगल भैया , क्या हमारे संग शहर चलोगे
पद्म भाभी अति है , उसने सीधे पल्ले की साडी पहनी है
मन्नू-भाभी प्रणाम
पद्मा --काहे बबुआ , बहुत दिनों बाद गौरा के भौन्वरा को छुट्टी मिली है
मनु--भाभी , काहे , तन मार रही हो ,बीएस जल्दी से हमको मिठाई खिल दो ,
पद्म --कहे के लए
(आप भोजपुरी में पढ़िए )
मन्नू -गौरा भौजी को कुछ होने वाला है
पद्म --तबतो, बबुआ को हम लड्डू खिलैब्ल
मन्नू---भाभी ये, लो , कछु रख लो
पद्म--रहने दो , आपकी भाभी दुई हाथन से कामिल सकब
मन्नू-भाभी , ये जुगल का अधिकार है , हम शहर जा रहे है , भैया को कोई छिट्ठी देनी हो, तो बता दो
पद्मा -रुको
यंहा मन्नू जुगल के साथ खेलता है
पिंजरे की मैन की बोली जुगल बताता है
भीतर से पद्मा चिट्ठी व् लड्डू लाकर देती है
मनु-चिट्ठी तो हम नही पढेंगे , विश्वास करो
पद्मा -हमका अपने देवरवा पर सारे जग से ज्यादा विश्वास है, सच कहिबे
तबी वंहा पप्पू आ जाता है, वो अपने गधे हांक रहा है
पप्पू -क्यों , मनुआ , दोनों तरफ की खीर भाकुसिल का , कच्छु हमका भी खाने दो
मन्नू उसे मरने को उठता है
पद्मा-(रोकते हुए)अपने गुस्सा को कण्ट्रोल करील बा
मन्नू भाभी के पांव छूकर जाता है
जुगल--हमारे लिए का लाओगे
मन्नू -ट्रक्टर लैब
पद्मा हंसती है
जुगल--नही हवाई जहाज उदैइल
यंहा सीन कट करते है,
दिस्सोल्व करते हुए नेक्स्ट सीन दिखाते है
वाइड ओपन करते है
साइन ५
मन्नू अपनी पद्मा भाभी के पास जाता है
ये गाँव के बहार का द्रश्य है
कैमरा एक घर की बगिया को देखता है
चरों और का शॉट लेते है मन्नू के पास
एक नन्हा बच्चा आता है
मन्नू--अरे , जोगल भैया , क्या हमारे संग शहर चलोगे
पद्म भाभी अति है , उसने सीधे पल्ले की साडी पहनी है
मन्नू-भाभी प्रणाम
पद्मा --काहे बबुआ , बहुत दिनों बाद गौरा के भौन्वरा को छुट्टी मिली है
मनु--भाभी , काहे , तन मार रही हो ,बीएस जल्दी से हमको मिठाई खिल दो ,
पद्म --कहे के लए
(आप भोजपुरी में पढ़िए )
मन्नू -गौरा भौजी को कुछ होने वाला है
पद्म --तबतो, बबुआ को हम लड्डू खिलैब्ल
मन्नू---भाभी ये, लो , कछु रख लो
पद्म--रहने दो , आपकी भाभी दुई हाथन से कामिल सकब
मन्नू-भाभी , ये जुगल का अधिकार है , हम शहर जा रहे है , भैया को कोई छिट्ठी देनी हो, तो बता दो
पद्मा -रुको
यंहा मन्नू जुगल के साथ खेलता है
पिंजरे की मैन की बोली जुगल बताता है
भीतर से पद्मा चिट्ठी व् लड्डू लाकर देती है
मनु-चिट्ठी तो हम नही पढेंगे , विश्वास करो
पद्मा -हमका अपने देवरवा पर सारे जग से ज्यादा विश्वास है, सच कहिबे
तबी वंहा पप्पू आ जाता है, वो अपने गधे हांक रहा है
पप्पू -क्यों , मनुआ , दोनों तरफ की खीर भाकुसिल का , कच्छु हमका भी खाने दो
मन्नू उसे मरने को उठता है
पद्मा-(रोकते हुए)अपने गुस्सा को कण्ट्रोल करील बा
मन्नू भाभी के पांव छूकर जाता है
जुगल--हमारे लिए का लाओगे
मन्नू -ट्रक्टर लैब
पद्मा हंसती है
जुगल--नही हवाई जहाज उदैइल
यंहा सीन कट करते है,
दिस्सोल्व करते हुए नेक्स्ट सीन दिखाते है
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