Thursday 24 October 2013

manu, scene 3

ऐसा  लिखेंगे 
सीन नम्बर - ३ 
मन्नू उठता है , सुबह का वक्त 
मन्नू  गंगा नदी में नहाते दिखाते है 
मन्नू--जय गंगा मैय्या। …ओम ब…। 
मन्नू  को डुबकी  लगते दिखाते है 
लहरों से उपर आते ही वो, एक चुनरी को अपने उपर पता है 
मन्नू-(चिल्ला क्र)-सांप सांप। … 
एक लडकी  पूजा जो गंगा जी में पानी भर रही है 
वो, मन्नू को देख चिल्लाती है 
पूजा --(चिल्ला क्र)--हमारी चुनर खीच ल बा 
(भोजपुरी में है , dilogue )
मन्नू--------जाल। जाल… 
पूजा( चिल्ला क्र )-ये देखो , हमारी चुनर  खुचल बा 
मन्नू -कहे इल्जाम लगा रही हो, बल ब्रह्मचारी है , हम 
पूजा (चिद क्र)--ये देखोइल , ये ब्रह्मचारी है ,
तभी पूजा की सहेली  लाडली अति है 
लाडली--का भईल 
पूजा -हमारी चुनरी खिच्ल  बा 
लाडली---अरे, ये मनुवा। । 
लाडली मन्नू के पास अति है, उसका कण पकडती है 
मन्नू-- अरे , छोर दैइल , हम बेकसूर है 
लाडली--------हु, चलो , गौरा भौजी के पास। …अभि, तुम्हार  सब कुकर्म ब्तैइल 
वो पकडकर मन्नू को खींचते ले जाती है सरे गाँव की लड़कियां उनके पीछे झुण्ड बनाकर चल रही है 
लड़कियां--(तली बजकर) ये पकर में आई गवा ,अब पता चलील छठी का दूध का भाव 
गौरा भौजी  पूजा क्र रही है 
लाडली----ओ , गौरा भौजी , देखोइल ,तुम्हार बचुआ , हमार पूजा को छेदील बा 
गौरा गुस्से से देखती है 
मन्नू एक लड़की की चुनर खिंच क्र अपना मुंह छिपता है 
लड़की--आ , देखिल बा, ये हमार चुनरी भी खींचन लागिल 
सब--मरो, पितो 
सब कुमारियाँ उसे मरने लगती है 
मन्नू(जमीं पर सस्तंग क्र )-भौजी , हमार ब्चैइलो ,जो, तुम कहोगी, हम करील बा 
गौर-----ओ, लड्किन, कहे , हमार ,सीधे सादे बबुआ को छेदील बा 
लाडली--ये सिधन है , सरे गाँव की पनिहारिनों के घागरी को, तक तक के गुल्लेल मर दैइल 
पूजा--फॉर देइल 
मन्नू -सस्तन प्रणाम करता हूँ, मई नही छेदील बा 
पप्पू _--हां, सब झूठ बोलील , तुम एक सच्चा हो 
पप्पू_ये लो धोती, इसे बांध देवो 
सब मन्नू की कमर में लम्बी धोती बंधकर उसे पेड़ से बढ़ देते है 
सब चले जाते है 
कैमरा नेक्स्ट सिं में लॉन्ग शॉट से मन्नू को देखता है 
फिर मिडिल शॉट में उसे व् कजरी गौ को देखता है 
दोनों, अजू बाजु बंधे है 
गौरा को भीतर खाना लेते कैमरा ओ/स में शॉट लेता है 
नेक्स्ट शॉट में गौरा खाना लेकर आती है 
गौरा -लो, खईलो ,
मन्नू--नही , खील बा , पहले ये बताई दो, हमको कहे के लिए बांधील है 
गौरा भौजी , माफ़ी मांगती है पर मन्नू नही खता
गौरा गीत गति है --
गीत के बोल है , बबुआ हमार , किशन कन्हया। ………।
सरे गाँव की छोरी , गोपियाँ। ………….
मन्नू भीतर जाता है, घर के भीतर जाते , मन्नू का हॉरिजॉन्टल शॉट है 
मन्नू अपना बंगाली कुरता व् धोती पहनता है 
उसके पास अभी भी पूजा की चुनरी है 
मन्नू तैयार होकर बहर अत है 
गौरा -कान्हा जाई राहिल बा ,
मन्नू --न तोकिल। ।ह्म  पूजा करने मंदिर जाईल 
गौरा काजल का टिका मन्नू को लगा देती है 
मन्नू-भौजी , ये का 
गौरा-ये गाँव की लड्कईन , की बुरी नजर से ब्चयिल बा 





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