Wednesday 30 October 2013

next scene

मन्नू  जगमोहन को सर से पांव तक देखता है 
तबतक कार से शहरी लड़की सजी धजी स्कर्ट में जगमोहन के हाथ में हाथ डाले कड़ी होती है 
मन्नू उछाल क्र सामने आता है 
मन्नू--भैय्या 
लड़की--जेम्स , हे इस कालिंग यु , दूध वाला भैया 
मन्नू---ये, दूधवाला होगा, तेरा भैया , जायदा मत लपक हाँ,
मन्नू--भैया , ये जेम्स कौन है 
जगमोहन अपनी टाई ठीक करता है---हम है 
मन्नू टाई पकड़ क्र खिंच लेता है---जरा गांव कि भाषा में बतिआवो , और ये कौन भईल , टम्झमक 
जगमोहन---ये है, हमारी लिव इन 
मन्नू--हटाओ, ये जरा दूर 
रम्भा--ये क्या कह रहा ह, उर सर्वेंट 
मन्नू-- अरे सर्वेंट होगा तेरा खानदान , हम तो गांव के रजा है , समझी 
रम्भा --डार्लिंग, हे इन्सुल्स में 
मन्नू अलग करके--- अरे पापिन, अबतो, छोडदे , कछु शर्म ह्या है कि नहीं , कपडे देखो इनकी, टांगन को सर्दी नहीं लगिल का , नागिन के 
रम्भा --जेम्स , इसे शुतुप करो 
मन्नू-- शूट उप तुझे शुतुरमुर्गी 
जगमोहन -रुको , देखो मन्नू, ये हमारी गेस्ट है 
मन्नू---गेस्ट क्या, अरेस्ट 
रम्भा--ये तो फोरेस्ट का सांड है 
मन्नू--देखो भैया , हमको कुछ कहेगी, तो हम नहीं रुकबिल 

जगमोहन -रुको, तुम इन्हे गेस्ट हाउस में ले जाओ 
मन्नू रम्भा को सर से पांव तक देखता है---हम्म्म्म 
रम्भा डरकर -नो, जेम्स , कोई लेडी नही है क्या 

मन्नू-हाँ ,है न लेडी डयना 
जगमोहन --ऐसा करो, किसी को 
मन्नू-हो जायेगा , हम कलावती को भज देंगे 
जग --ये कौन है 
मन्नू--ये समझो, अभी पैदा भईल बा 
मन्नू--भैया आप चलो, घर में गौर भौजी आपकी आरती उतरन कि रह दाखिल बा 
जगमोहन जाता है 
रम्भा घबराती है --जेम्स 
मन्नू--चलो, ज्यादा मत रम्भाओ। ।अओ 
वो उसे गेस्ट हाउस ले जाता है 
रम्भा- हमे डॉ लग रहा है , तुम जेंट हो, हम अकेले 
मन्नू--भैया के साथ डॉ नहीं लगता था 
रम्भा---वो गेंटलेमन ह,
मन्नू--तो, हम क्या नोगेंटल है 
रुको अभी कलावती अति है, भेजते है 
रम्भा अकेले डर्टी है , बहार से मन्नू कई आवाज  डरता है 
फिर वो कलावटी बनके अत है 
रम्भा--यु, खलावती 

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