bnaras ki byar
Tuesday 19 May 2015
वो
अलसभोर का
एक दूजे में
गुंथा हुआ मांसल प्यार
और
प्रणय -धर्मी चुंबनों के
मदमाते उपहार
कभी बाँहों के हार
और , दिले-बेकरार
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