ये
नाराज है
बहुत मुझसे
लेकिन कोई क्या करे
तुम
जाने कैसे
मन में हो
ये भी नही पता
कि ,
क्यों हो
बहुत सकुछ कहना था
पर, अब नही,
एक ख़ामोशी है जो, भीतर तक
घर कर गयी है
नाराज है
बहुत मुझसे
लेकिन कोई क्या करे
तुम
जाने कैसे
मन में हो
ये भी नही पता
कि ,
क्यों हो
बहुत सकुछ कहना था
पर, अब नही,
एक ख़ामोशी है जो, भीतर तक
घर कर गयी है
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