भोर में
डूब दुब
दूब के तिनकों पर
कनि सी
कनी सी ओंस देखि
देखी
दिल किया सहेज लूँ
जैसे ,दिल ने
तुम्हारी मुस्कराहट को
सहेज
सहेजा है
(एक कच्ची कविता)
डूब दुब
दूब के तिनकों पर
कनि सी
कनी सी ओंस देखि
देखी
दिल किया सहेज लूँ
जैसे ,दिल ने
तुम्हारी मुस्कराहट को
सहेज
सहेजा है
(एक कच्ची कविता)
No comments:
Post a Comment