bnaras ki byar
Wednesday 24 February 2016
तुम्हारी हंसीं ऐसी
जैसे अभी अभी
गंगा जी से नहा कर
निकली हो,
वाराणसी
कोई कंही भी जाये
तुम हरदम हो दिल में
बसी
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