Thursday 11 February 2016

पेंच तोिगर टाइगर प्रोजेक्ट करोरो  करोड़ो खर्च के बाद बाघों को नही बचा सका है , वे १४ में से १३ मारे गए , फिरभी सरकारें सोती रही , और एक के बाद एक बाघ मारे जा रहे है, बेहद क्रूर व् जघन्य तरीके से। तब सरकार ऐसे महकमे को क्यों रखे है, जो अपने काम नही करते , सरकार उन्हें नौकरी से नही हकलती ःकालती , इसीसे  वे हमेशा जमे रहते है 
देश ऐसे लोगो के हाथो में है, जिन्हे अपनी जिम्मेदारी से मतलब नही 
अब तो पखेरू, पक्षी भी नही मिल रहे, उनका जमकर शिकार हो रहा है 

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