मेरा कहना है की
क्या हिन्दू
एक साधारण शख्श आजाद नही है
उसे क्यों, सरकार इतनी ज्यादा फीस लेती है क्या
क्या ब्रह्मिंस को गरीबी नही है
और, असहिष्णुं क्या वे लोग नहीं
जो, रातदिन विल्वझ
हिन्दुओं को कोसते रहते है
कुछ माह पूर्व जब
रामनवमी के पहले
कुछ दूसरे धर्म वालों ने
एक हिन्दू लड़के की हत्या कर दी थी जो
अवयस्क था फिरभी हमारी सरकार ने
बात दबा दी थी
एक हिन्दू लड़के की कुछ दूसरे मजहब वालों ने
पीटकर हत्या कर डाली थी
तब, किसी ने नही कहा की
हिन्दुओं से असहिस्नुता होती है
हाँ हिन्दुओं के धर्म व् पूजा पर
कितना टिकटिप्पणहि होती है
उन्हें मूर्ति-पूजक कहके गलियां दी जाती है तबतो, ओइ कुछ नही कहता
क्या, ये सहिष्णुता है
क्या हिन्दू
एक साधारण शख्श आजाद नही है
उसे क्यों, सरकार इतनी ज्यादा फीस लेती है क्या
क्या ब्रह्मिंस को गरीबी नही है
और, असहिष्णुं क्या वे लोग नहीं
जो, रातदिन विल्वझ
हिन्दुओं को कोसते रहते है
कुछ माह पूर्व जब
रामनवमी के पहले
कुछ दूसरे धर्म वालों ने
एक हिन्दू लड़के की हत्या कर दी थी जो
अवयस्क था फिरभी हमारी सरकार ने
बात दबा दी थी
एक हिन्दू लड़के की कुछ दूसरे मजहब वालों ने
पीटकर हत्या कर डाली थी
तब, किसी ने नही कहा की
हिन्दुओं से असहिस्नुता होती है
हाँ हिन्दुओं के धर्म व् पूजा पर
कितना टिकटिप्पणहि होती है
उन्हें मूर्ति-पूजक कहके गलियां दी जाती है तबतो, ओइ कुछ नही कहता
क्या, ये सहिष्णुता है
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