और बनारस की बयार पढ़ी जा रही है , 600 बार(times )
ये घोषणा करते हुए वडा करती हूँ की इस almost super hit ब्लॉग
को मै अनायास ही लिख सकी, क्योंकि आप सभी के लिए दिल में स्नेह था, रहेगा
तो, शायद भविष्य में भी लिखूंगी
ये भी हैरत की बात है , की मई कभी बनारस नही गयी हूँ
इसे बीएस शरत की उपन्यासों में ही देखा है
या कबीर की सखी में महसूस किया है
मेरे घर में विश्वनाथ का पूजन इस तरह है , की
मेरे पीटीआई ने कितनी बार १२ ज्योतिर्लिंग की यात्रा की है, ज्ञात नही , अनवरत साधना, मेरे विवाह के बाद से
होती रही है , यंही मेरे घर का दस्तूर है, व् आश्था है , की बनारस मेरे घर व् जीवन में खुद से चल के आया है , मई वंहा आज तक नही पहुंची हूँ
किन्तु, अपनी मत जी की मुक्ति की प्रार्थना स्वीकार होती है, तो मुझे कैसे भी करके बनारस जाना होगा , या वो मुझे अपने पास विदेह कर बुला ले
जोगेश्वरी
ये घोषणा करते हुए वडा करती हूँ की इस almost super hit ब्लॉग
को मै अनायास ही लिख सकी, क्योंकि आप सभी के लिए दिल में स्नेह था, रहेगा
तो, शायद भविष्य में भी लिखूंगी
ये भी हैरत की बात है , की मई कभी बनारस नही गयी हूँ
इसे बीएस शरत की उपन्यासों में ही देखा है
या कबीर की सखी में महसूस किया है
मेरे घर में विश्वनाथ का पूजन इस तरह है , की
मेरे पीटीआई ने कितनी बार १२ ज्योतिर्लिंग की यात्रा की है, ज्ञात नही , अनवरत साधना, मेरे विवाह के बाद से
होती रही है , यंही मेरे घर का दस्तूर है, व् आश्था है , की बनारस मेरे घर व् जीवन में खुद से चल के आया है , मई वंहा आज तक नही पहुंची हूँ
किन्तु, अपनी मत जी की मुक्ति की प्रार्थना स्वीकार होती है, तो मुझे कैसे भी करके बनारस जाना होगा , या वो मुझे अपने पास विदेह कर बुला ले
जोगेश्वरी
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