Saturday 7 September 2013

jindagi me

जिंदगी का सबसे बड़ा सच है , संघर्ष
यदि, हम संघर्ष नही करते तो , हमारी सुन्दरता बेकार हो जाती है
कोई, लड़की तब, बहुत खुबसूरत लगती है , जब वो कोई कम में लगी होती है
मैंने एकबार एक लड़की को, रंगोली बनाने के श्रम से भीगे स्वेद कं से भीगे स्लथ मुखड़े को देखि,जब वो दिए जला रही थी , तब लगा ये तो वन्ही लडकी है , जिसका चित्रण मई बरसों से अपने उपन्याशों में करती रही थी।
वो अपने परिश्रम में खोयी , उस वक्त इतनी खुबसूरत लगी , की वो मेरे काव्य व् कथा की सदाबहार नायिका बन गयी। अथ, किसी का भी मूल्याङ्कन उसके परिश्रम से ही कीजिये
ये कहिये की , परी वन्ही है , जो परिश्रम करे, बाकि तो बेशर्म है 

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