Thursday 23 October 2014

बनारस की बयार 
आपके बनारस में बहुत रौशनी की गयी है गंगा जी के घाटों को 
बहुत रौशनी से सजाया गया है बयार , पता है, मैंने गोविन्द मिश्र की कहानी पढ़ी 
बनारस कशी का सुंदर चित्रण और 
आपकी भेजी किताब, चंद्रकांत, भी पढ़ी, 
शरद चटर्जी ने बनरश का कितना सजीव चित्र खिंचा है श्रीकांत, में भी कैसा जीवन है 
बनारस की बयार 
बनारस वालों का जीवन तो बनारस है 
हमने नही देखा है, आपका खूबसूरत शहर किन्तु, तुम्हे देख कर 
हमेशा तुम्हारे महानगर की अनुभूति होती है बयार, ये आप 
itum bomb से इतना छिड़ती क्यों हो 
मुझे भी पसंद नही, पटाखों का शोर, और प्रदुषण 

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