Friday 24 October 2014

बनारस की बयार 
आप, आप नाराज क्यों है आपको , कोई भी 
आपकी इक्षा के विरुद्ध itum bomb नही कह सकता 
मैभी नही 
मुझेआपकी नाराजगी मोल नही एनी 
आप नाराज रहोगी तो, लिखना बंद हो जायेगा आपको यदि 
कहा हो तो, सॉरी 
आइन्दा आपको कोई नही चिढ़ाएगा 
आप तो, सौभाग्यशालिनी 
सिद्धेस्वरी हो आपकी 
पूजा आराधना , 
आपकी रंगोली सब सिद्ध है 
अपने सबको साध लिया 
है  हो तो ,
आप मुस्कराती हो तो, कितनी प्यारी  हो 
 सच्ची  सच्ची प्रंशा तो हम करते है 
बाकि तो, आपको मक्खन लगते है 
 जो, सांड पसंद नही 
मई लिख क्या  हु 
आप शरत क्या करूँ ये  कसम तुम्हारी 
 अर्चना की। ……… 

1 comment: