Tuesday 10 September 2013

chaliye, free hand

अब कागज से मुक्त होकर लिखना है
हमारे कैफ़े वाले सर  genuin है
एक लडकी १५ -२० दिन से उसका कोई इम्पोर्टेंट कार्ड मिस कर गयी थी
उसे खुद नही मालूम था , की वो कुछ भूल गयी है
आज कैफ़े पंहुची तो, कैफ़े वाले ने उससे पूछा
ये तुम्हारा है न
वो कहती है , yes
बेचारी उसे ये भी याद नही की, वो कुछ भूल गयी थी
साथ वाली सहेली कहती है
ओ माँ , तू अपने को भूल  जाना, पर कार्ड मत भूलना
यंहा की लडकियाँ भी बेहद सीधी होती है
कैफ़े वाले सर कह रहे है , की वो कबसे संभल क्र रखे है
वो कार्ड , और , एक मेरा मोबाइल घूम गया तो, नही मिला
मुझे दुःख होता है , किसी के pitures के लिए , की वो जाने किसके पास है
कभी सोचती हु, तो बेहद तकलीफ होती है 

No comments:

Post a Comment