Wednesday 30 April 2014
Sunday 27 April 2014
Saturday 26 April 2014
bnaras ki byar: सफल हु इसलिए की, तुमने दिए जलाये और बिना स्वार्थ...
bnaras ki byar: सफल हु इसलिए
की, तुमने दिए जलाये
और बिना स्वार्थ...: सफल हु इसलिए की, तुमने दिए जलाये और बिना स्वार्थ के बिना परिचय के तुम मुस्कराई तुमने बातें की फिर तुम चुप रही तुमने न कुछ माँगा...
की, तुमने दिए जलाये
और बिना स्वार्थ...: सफल हु इसलिए की, तुमने दिए जलाये और बिना स्वार्थ के बिना परिचय के तुम मुस्कराई तुमने बातें की फिर तुम चुप रही तुमने न कुछ माँगा...
सफल हु इसलिए
की, तुमने दिए जलाये
और बिना स्वार्थ के
बिना परिचय के
तुम मुस्कराई
तुमने बातें की फिर तुम चुप रही
तुमने न कुछ माँगा
न चाहा
आज मेरी सफलता में ईश्वर और
मेरे अपनों के बाद
तुम्हारा भी श्रेय है
की तुमने जुड़ना भी नही चाहा
तुम जुड़ा भी ऐसे हुई
की खबर तक नही हुई तुमने
तुमने सब कुछ अपने भीतर
अपने आपको समेत लिया
अबतो, तुम हर दिन
मेरे ख्यालों में आती और
दिए जलाकर
मुस्कराती हो
हमेशा तुम्हारा उपकार है पर तुमने कभी नही जताया
की, तुमने मुझे निराशा के अँधेरे से उबार लिया है
की, तुमने दिए जलाये
और बिना स्वार्थ के
बिना परिचय के
तुम मुस्कराई
तुमने बातें की फिर तुम चुप रही
तुमने न कुछ माँगा
न चाहा
आज मेरी सफलता में ईश्वर और
मेरे अपनों के बाद
तुम्हारा भी श्रेय है
की तुमने जुड़ना भी नही चाहा
तुम जुड़ा भी ऐसे हुई
की खबर तक नही हुई तुमने
तुमने सब कुछ अपने भीतर
अपने आपको समेत लिया
अबतो, तुम हर दिन
मेरे ख्यालों में आती और
दिए जलाकर
मुस्कराती हो
हमेशा तुम्हारा उपकार है पर तुमने कभी नही जताया
की, तुमने मुझे निराशा के अँधेरे से उबार लिया है
Friday 25 April 2014
bnaras ki byar: बनारस की बयारबनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...
bnaras ki byar: बनारस की बयार
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...: बनारस की बयार बनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है समय से, आज ये ये गुजारिश है, मेरी जनाजे म...
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...: बनारस की बयार बनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है समय से, आज ये ये गुजारिश है, मेरी जनाजे म...
bnaras ki byar: बनारस की बयारबनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...
bnaras ki byar: बनारस की बयार
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...: बनारस की बयार बनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है समय से, आज ये ये गुजारिश है, मेरी जनाजे म...
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी...: बनारस की बयार बनारस बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है समय से, आज ये ये गुजारिश है, मेरी जनाजे म...
बनारस की बयार
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ
तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है
समय से, आज ये
ये गुजारिश है, मेरी
जनाजे में मेरी तुम ना आना
ना ही मेरी मौत पर
आंसू भान
मेरी रूह को तब मिलेगा सुकून
जितनी जल्दी हो सके
मुझे भूल जाना
एक कटरा आंसू , अगरचे
निकले याद में मेरे
तो, समझना
तुम्हारे दुःख से
होगा मुझे तड़पना
प्रिये,
ये है, मेरी इल्तिजा
मेरे लिए आंसू बहकर
ना मुझे तड़पना
बीएस एक दिया
गंगा जी में जलाकर बहन
बहाना
बनारस
बनारस की बयार मई बहुत आशावादी हूँ
तेरा दिया जलाना मुझे बहुत भात है
समय से, आज ये
ये गुजारिश है, मेरी
जनाजे में मेरी तुम ना आना
ना ही मेरी मौत पर
आंसू भान
मेरी रूह को तब मिलेगा सुकून
जितनी जल्दी हो सके
मुझे भूल जाना
एक कटरा आंसू , अगरचे
निकले याद में मेरे
तो, समझना
तुम्हारे दुःख से
होगा मुझे तड़पना
प्रिये,
ये है, मेरी इल्तिजा
मेरे लिए आंसू बहकर
ना मुझे तड़पना
बीएस एक दिया
गंगा जी में जलाकर बहन
बहाना
Wednesday 23 April 2014
तुम साथ हो
हमेशा मेरे ख्यालों में हो
किन्तु तुम्हे होना है वंहा दूध में घुली सककर की तरह
मिठास
मिठास घोलती
तभी तो प्यार की सफलता है
जो, तुम्हारे जीवन को प्रतिपल प्रेम से परिपूर्ण कर दे
ये चन्द्रमा से मुखदेवाली
तुम्हारे होने का अहसास मुझसे अलग नही है किन्तु तुम्हारा जीवन, घर, उपवन मन सभी
प्रेम की एकाग्रता से भरी रहे
सम्प्रक्त रहो , और प्रगाढ़ सम्भन्धों में आबद्ध रहो
तभी प्रेम की सार्थकता है
हमेशा मेरे ख्यालों में हो
किन्तु तुम्हे होना है वंहा दूध में घुली सककर की तरह
मिठास
मिठास घोलती
तभी तो प्यार की सफलता है
जो, तुम्हारे जीवन को प्रतिपल प्रेम से परिपूर्ण कर दे
ये चन्द्रमा से मुखदेवाली
तुम्हारे होने का अहसास मुझसे अलग नही है किन्तु तुम्हारा जीवन, घर, उपवन मन सभी
प्रेम की एकाग्रता से भरी रहे
सम्प्रक्त रहो , और प्रगाढ़ सम्भन्धों में आबद्ध रहो
तभी प्रेम की सार्थकता है
Tuesday 22 April 2014
तुम्हे घर संसार, ग्रस्ति में लग्न
गृहस्थी में लग्न लाग्न है
जैसे दूध में शक्कर मिल जाती है
इन्ही जीवन चक्र है
घर से ग्रहणी का जितना प्रगाढ़ रिस्ता हो उतना अच्छा है नही मिलेगा वक़्त जबतक
पहली संतान का घर नही बस जायेगा
रातदिन नए जिम्मेदारियों में गुंथा मन पलभर शायद किसी अंजानी दुनिया की सैर कर ए
जब जीवन में चैन से थोड़ा वक़्त मिलेगा तो,
गंगा जी के किनारे बैठकर कभी इस परिणय पर गौर कर लेना बीएस
गृहस्थी में लग्न लाग्न है
जैसे दूध में शक्कर मिल जाती है
इन्ही जीवन चक्र है
घर से ग्रहणी का जितना प्रगाढ़ रिस्ता हो उतना अच्छा है नही मिलेगा वक़्त जबतक
पहली संतान का घर नही बस जायेगा
रातदिन नए जिम्मेदारियों में गुंथा मन पलभर शायद किसी अंजानी दुनिया की सैर कर ए
जब जीवन में चैन से थोड़ा वक़्त मिलेगा तो,
गंगा जी के किनारे बैठकर कभी इस परिणय पर गौर कर लेना बीएस
bnaras ki byar: तुन्हे अपने घर संसार में जुटना होगा समाहित होना ...
bnaras ki byar: तुन्हे अपने घर संसार में
जुटना होगा
समाहित होना ...: तुन्हे अपने घर संसार में जुटना होगा समाहित होना होगा गंगा जमना के धारों की तरह जीवन के सतत परवाह में सभी लड़कियों की तरह तुंम भी ...
जुटना होगा
समाहित होना ...: तुन्हे अपने घर संसार में जुटना होगा समाहित होना होगा गंगा जमना के धारों की तरह जीवन के सतत परवाह में सभी लड़कियों की तरह तुंम भी ...
तुन्हे अपने घर संसार में
जुटना होगा
समाहित होना होगा
गंगा जमना के धारों की तरह
जीवन के सतत परवाह में
सभी लड़कियों की तरह तुंम भी
घर के असीम कामों में लग जाओगी
सच, याद आओगी
तुम्हे तो फुर्सत भी नही होगी जब अपनी ग्रस्ति में
हमे तो क्या , अपने आप को भूल जाओगी
प्राणेश्वरी
इतना वादा करना
जब मेरी किताबे आये या
कोई सीरियल आये तो एक लम्हा ठहरकर
देखना उन्हें
फुर्सत से चाय की चुस्कियों के साथ
और तुमसे मिलने का वादा है
फिर किसी जन्म में। …।
जुटना होगा
समाहित होना होगा
गंगा जमना के धारों की तरह
जीवन के सतत परवाह में
सभी लड़कियों की तरह तुंम भी
घर के असीम कामों में लग जाओगी
सच, याद आओगी
तुम्हे तो फुर्सत भी नही होगी जब अपनी ग्रस्ति में
हमे तो क्या , अपने आप को भूल जाओगी
प्राणेश्वरी
इतना वादा करना
जब मेरी किताबे आये या
कोई सीरियल आये तो एक लम्हा ठहरकर
देखना उन्हें
फुर्सत से चाय की चुस्कियों के साथ
और तुमसे मिलने का वादा है
फिर किसी जन्म में। …।
Monday 21 April 2014
Sunday 20 April 2014
Saturday 19 April 2014
bnaras ki byar: कल ख्यालों में तुम मिली पहने हुए साडी नीली कन्धो...
bnaras ki byar: कल ख्यालों में तुम मिली
पहने हुए साडी नीली
कन्धो...: कल ख्यालों में तुम मिली पहने हुए साडी नीली कन्धों पर पल्लू डाले बहुत ही प्यारी मुस्कराहट सिक्त तेरा जज्बाती चेहरा और अपने पुष्प-प...
पहने हुए साडी नीली
कन्धो...: कल ख्यालों में तुम मिली पहने हुए साडी नीली कन्धों पर पल्लू डाले बहुत ही प्यारी मुस्कराहट सिक्त तेरा जज्बाती चेहरा और अपने पुष्प-प...
कल ख्यालों में तुम मिली
पहने हुए साडी नीली
कन्धों पर पल्लू डाले
बहुत ही प्यारी मुस्कराहट सिक्त
तेरा जज्बाती चेहरा
और अपने पुष्प-पल्लव हाथों से
गंगाजी के धारे में
दीप दान करती हुई
झुकी हुई नदी की लहर पर
बहुत सुंदर अक्ष तेरा
उतरा रहा था, दिए की रौशनी में
गंगा जल में झिलमिला रहा था
तू मासूमियत की मूरत लगी थी
जब भी ख्यालों में मिली थी
पहने हुए साडी नीली
कन्धों पर पल्लू डाले
बहुत ही प्यारी मुस्कराहट सिक्त
तेरा जज्बाती चेहरा
और अपने पुष्प-पल्लव हाथों से
गंगाजी के धारे में
दीप दान करती हुई
झुकी हुई नदी की लहर पर
बहुत सुंदर अक्ष तेरा
उतरा रहा था, दिए की रौशनी में
गंगा जल में झिलमिला रहा था
तू मासूमियत की मूरत लगी थी
जब भी ख्यालों में मिली थी
Friday 18 April 2014
bnaras ki byar: कई बार हम एक ही ख्वाब देखते है जिंदगी भर ठहरकर च...
bnaras ki byar: कई बार हम एक ही ख्वाब देखते है
जिंदगी भर ठहरकर
च...: कई बार हम एक ही ख्वाब देखते है जिंदगी भर ठहरकर चन्द्रमा को ताक करते है सोचते है ये इतना सुंदर और शीतल क्यों है बता न, जब नीमके उप...
जिंदगी भर ठहरकर
च...: कई बार हम एक ही ख्वाब देखते है जिंदगी भर ठहरकर चन्द्रमा को ताक करते है सोचते है ये इतना सुंदर और शीतल क्यों है बता न, जब नीमके उप...
कई बार हम एक ही ख्वाब देखते है
जिंदगी भर ठहरकर
चन्द्रमा को ताक करते है
सोचते है
ये इतना सुंदर और शीतल क्यों है
बता न, जब नीमके उप्र
ऊपर से नदियां के तात पर
चन्द्रमा को उगते देखो तो क्या ये ख्याल आता की
ये चन्द्रमा अपने साथी सितारों के साथ
अपनी रात्रि यात्रा के लिए
कितने जोश से निकलता है
और भोरटक,
प्रणयी हृदयों को तस्सली देता है
जिंदगी भर ठहरकर
चन्द्रमा को ताक करते है
सोचते है
ये इतना सुंदर और शीतल क्यों है
बता न, जब नीमके उप्र
ऊपर से नदियां के तात पर
चन्द्रमा को उगते देखो तो क्या ये ख्याल आता की
ये चन्द्रमा अपने साथी सितारों के साथ
अपनी रात्रि यात्रा के लिए
कितने जोश से निकलता है
और भोरटक,
प्रणयी हृदयों को तस्सली देता है
Thursday 17 April 2014
Wednesday 16 April 2014
bnaras ki byar: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र ...
bnaras ki byar: वो बोली
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
और जो पहली नज़र ...: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र में दिल ले लिया उसका क्या ये सच है कि दिल की कीमत तेरी नज़र में कुछ भी नही प...
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
और जो पहली नज़र ...: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र में दिल ले लिया उसका क्या ये सच है कि दिल की कीमत तेरी नज़र में कुछ भी नही प...
Tuesday 15 April 2014
Sunday 13 April 2014
Saturday 12 April 2014
Friday 11 April 2014
bnaras ki byar: जानेमन जो तुमने मीठी नजरों से पहली बार देखा था ...
bnaras ki byar: जानेमन
जो तुमने मीठी नजरों से
पहली बार देखा था
...: जानेमन जो तुमने मीठी नजरों से पहली बार देखा था सच वो , नज़रों की मिठास दिल में आज भी है
जो तुमने मीठी नजरों से
पहली बार देखा था
...: जानेमन जो तुमने मीठी नजरों से पहली बार देखा था सच वो , नज़रों की मिठास दिल में आज भी है
Thursday 10 April 2014
Tuesday 8 April 2014
Monday 7 April 2014
bnaras ki byar: सर सेसर सर से पांव तलक एक अदा छायी हुई है तुझे...
bnaras ki byar: सर से
सर
सर से पांव तलक
एक अदा छायी हुई है
तुझे...: सर से सर सर से पांव तलक एक अदा छायी हुई है तुझे देखकर आज मेरी आँखें बौराई हुई है
सर
सर से पांव तलक
एक अदा छायी हुई है
तुझे...: सर से सर सर से पांव तलक एक अदा छायी हुई है तुझे देखकर आज मेरी आँखें बौराई हुई है
bnaras ki byar: ये देखना अच्छा लगता है कि बनारस कि बयार ४००० रीड...
bnaras ki byar: It's good to see that the winds Varanasi ... 4000 Reid : It's good to see that the citizens of my speculative things that winds had reached 4,000 readers, or the readers love stories that I ... degeneration
bnaras ki byar: ये देखना अच्छा लगता है कि बनारस कि बयार ४००० रीड...
bnaras ki byar: ये देखना अच्छा लगता है कि
बनारस कि बयार
४००० रीड...: ये देखना अच्छा लगता है कि बनारस कि बयार ४००० रीडर्स तक पहुंची ये मेरी मनगड़ंत बातें थी किस्सागोई थी या पाठकों का प्यार कि, मेरी अध...
बनारस कि बयार
४००० रीड...: ये देखना अच्छा लगता है कि बनारस कि बयार ४००० रीडर्स तक पहुंची ये मेरी मनगड़ंत बातें थी किस्सागोई थी या पाठकों का प्यार कि, मेरी अध...
ये देखना अच्छा लगता है कि
बनारस कि बयार
४००० रीडर्स तक पहुंची
ये मेरी मनगड़ंत बातें थी
किस्सागोई थी या पाठकों का प्यार
कि, मेरी अधकचरी सी कविताओं को
इतना अच्छा प्रतिसाद मिला
इसकेलिए
बनारस कि बयार का
आभार
और पाठकों के प्यार का सत्कार
आजसे इस ब्लॉग में मई अपने लेखकीय
अनुभवों को जोडूंगा इसलिए कि जो, लिखते है
या पढ़ते है
मेरा उनसे एकसार होना स्वाभाविक है
पहले, टुकड़ों में लिखती रही कई बार तो, दो शब्द ही लिखे
ये सच है कि जब आप लिखते है
तो, आपको, ये चाहत होती है , कि आपकी रचना प्रकाशित हैकैसे हो
यंही नही ये हमेशा से
बहुत अच्छा अनुभव नही होता जो, लेखक बहुत अच्छा लिखते है
वो, भी किस रूप में सामने आयेंगे
ये नही समझता
कई बार कुछ लेखक
लड़कियों से बदतमीजी ही नही करते
कुछ तो, लेखिकाओं का शोषण भी करते है लेखिका हमेशा भावुक होती है
वो, समझती है कि जैसा लिखा जा रहा ,
वो, शख्श वैसा ही होगा
किन्तु, आपकी गलती सुधरने कि आध में वो
कितनी गलती करता है
किसतरह का exploitation वो करता है
ये कई बार लेखिका से कोई नही पूछता
ये सभी क्षेत्र में होता है
लेखन का क्षेत्र भी अछूता नही
इसलिए लड़कियों ही नही
किसी भी नारी से यंही
इल्तिजा है कि वो, एकाध गलती होने पर
अपने को मुजरिम नही समझे
क्योंकि गलती तो सुधरी जा सकती है किंतुं,
जो मुजरिम साहित्य में गलती सुधर के नामपर
लड़कियों व् स्त्री जाती पर चढ़ बैठते है
उनके, कुकर्म कभी नही सुधर सकते
लेखिकाएं, बेशक गलती हो, जाये तो भी लिखे पर, किसी को
अपना शोषण न करने दे लड़की इज्जत , किसी भी गलती से ऊपर है
आअज इतना हइ.......... आपको, शुभकामना
अष्टमी कि , ये स्त्री-शक्ति का दिन है
बनारस कि बयार
४००० रीडर्स तक पहुंची
ये मेरी मनगड़ंत बातें थी
किस्सागोई थी या पाठकों का प्यार
कि, मेरी अधकचरी सी कविताओं को
इतना अच्छा प्रतिसाद मिला
इसकेलिए
बनारस कि बयार का
आभार
और पाठकों के प्यार का सत्कार
आजसे इस ब्लॉग में मई अपने लेखकीय
अनुभवों को जोडूंगा इसलिए कि जो, लिखते है
या पढ़ते है
मेरा उनसे एकसार होना स्वाभाविक है
पहले, टुकड़ों में लिखती रही कई बार तो, दो शब्द ही लिखे
ये सच है कि जब आप लिखते है
तो, आपको, ये चाहत होती है , कि आपकी रचना प्रकाशित हैकैसे हो
यंही नही ये हमेशा से
बहुत अच्छा अनुभव नही होता जो, लेखक बहुत अच्छा लिखते है
वो, भी किस रूप में सामने आयेंगे
ये नही समझता
कई बार कुछ लेखक
लड़कियों से बदतमीजी ही नही करते
कुछ तो, लेखिकाओं का शोषण भी करते है लेखिका हमेशा भावुक होती है
वो, समझती है कि जैसा लिखा जा रहा ,
वो, शख्श वैसा ही होगा
किन्तु, आपकी गलती सुधरने कि आध में वो
कितनी गलती करता है
किसतरह का exploitation वो करता है
ये कई बार लेखिका से कोई नही पूछता
ये सभी क्षेत्र में होता है
लेखन का क्षेत्र भी अछूता नही
इसलिए लड़कियों ही नही
किसी भी नारी से यंही
इल्तिजा है कि वो, एकाध गलती होने पर
अपने को मुजरिम नही समझे
क्योंकि गलती तो सुधरी जा सकती है किंतुं,
जो मुजरिम साहित्य में गलती सुधर के नामपर
लड़कियों व् स्त्री जाती पर चढ़ बैठते है
उनके, कुकर्म कभी नही सुधर सकते
लेखिकाएं, बेशक गलती हो, जाये तो भी लिखे पर, किसी को
अपना शोषण न करने दे लड़की इज्जत , किसी भी गलती से ऊपर है
आअज इतना हइ.......... आपको, शुभकामना
अष्टमी कि , ये स्त्री-शक्ति का दिन है
Sunday 6 April 2014
Saturday 5 April 2014
bnaras ki byar: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र ...
bnaras ki byar: वो बोली
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
और जो पहली नज़र ...: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र में दिल ले लिया उसका क्या ये सच है कि दिल की कीमत तेरी नज़र में कुछ भी नही प...
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए
और जो पहली नज़र ...: वो बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए और जो पहली नज़र में दिल ले लिया उसका क्या ये सच है कि दिल की कीमत तेरी नज़र में कुछ भी नही प...
Friday 4 April 2014
bnaras ki byar: सारे जहां में एक तू मेरी जन्नत दूजे तू मेरी , इब...
bnaras ki byar: सारे जहां में
एक तू मेरी जन्नत
दूजे तू मेरी , इब...: सारे जहां में एक तू मेरी जन्नत दूजे तू मेरी , इबादत यंही है मेरी गलत गलत आदत कि, तू है जिंदगी कि जरुरत जीने कि आदत
एक तू मेरी जन्नत
दूजे तू मेरी , इब...: सारे जहां में एक तू मेरी जन्नत दूजे तू मेरी , इबादत यंही है मेरी गलत गलत आदत कि, तू है जिंदगी कि जरुरत जीने कि आदत
Wednesday 2 April 2014
bnaras ki byar: तू हैतू है तो आस है प्यास है मधुमास है तू हमे...
bnaras ki byar: तू है
तू है तो
आस है
प्यास है
मधुमास है
तू हमे...: तू है तू है तो आस है प्यास है मधुमास है तू हमेशा मेरे आसपास है तू ही तो मेरे जीने का अहसास है
तू है तो
आस है
प्यास है
मधुमास है
तू हमे...: तू है तू है तो आस है प्यास है मधुमास है तू हमेशा मेरे आसपास है तू ही तो मेरे जीने का अहसास है
Tuesday 1 April 2014
bnaras ki byar: ये जीवन इसी बिना पर चलता रहा ये अहसास मन में प...
bnaras ki byar: ये जीवन
इसी बिना पर
चलता रहा
ये अहसास मन में
प...: ये जीवन इसी बिना पर चलता रहा ये अहसास मन में पलटा रहा कि, तुम हो जीवन में मन में आँगन में लहकती हुयी बोगनवालिया कि बे...
इसी बिना पर
चलता रहा
ये अहसास मन में
प...: ये जीवन इसी बिना पर चलता रहा ये अहसास मन में पलटा रहा कि, तुम हो जीवन में मन में आँगन में लहकती हुयी बोगनवालिया कि बे...
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