Friday 6 September 2013

dekho hirniya

dearest deeress
देखो हिरनियाँ
वो छोटी छोटी चिरियां
अपने नन्हे  पसार
आकाश में निचे निचे
तल्लीनता से उड़ रही है
वो, रंग बिरंगी तितलियाँ भी
पराग चुनने
मतवाले फूलों से जुड़ रही है
भादो मास में नदियों में
जल भर गया है
बिजुरिया सुन्दरी
झीलों के  अंचल पर
मचल रही है
देखो हिरनिया
वो हर भरा जंगल
कैसा उमगा उमगा लगता है
तुम्हारी तरह 

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