Friday 28 February 2014

firse

bnaras ki byar:  बसंती बयार एक तू अच्छी लगती है दूसरा तेरा घरबार...

bnaras ki byar:  बसंती बयार 
एक तू अच्छी लगती है 
दूसरा तेरा घरबार...
:  बसंती बयार  एक तू अच्छी लगती है  दूसरा तेरा घरबार  ये तेरा नखरा  और मासूम सा तेरा प्यार  ओ, बनारस कि बयार  दिन-बी दिन बढ़ता  चढ़ता ते...
 बसंती बयार 
एक तू अच्छी लगती है 
दूसरा तेरा घरबार 
ये तेरा नखरा 
और मासूम सा तेरा प्यार 
ओ, बनारस कि बयार 
दिन-बी दिन बढ़ता 
चढ़ता तेरा निखार 
miss r shukla 
tera rng hai nshila 
ang ang hai , kshila 
kashi la
o miss shukla
tera rang hai, nshila 
ang ang hai , kshila 
kashila...
sun 
b hur of banaras 
ek shayar ne kya kaha hai
kya khub kaha hai
pahnti hai , munh ka 
kahti hai, b...rka
क्या क्या लिखना है 
जल्दी जल्दी बताना 
सोनू कहता है परायी हु परायी 
मुझसे कुस्ती न क्र 
ये सोनू कि शरारती बातें ह कुछ भी कहता है बुरा मत मन्ना 
The first short film writing 
You're the heroine 
How much have you missed me can not in this life तुम्हारा दिया 

Thursday 27 February 2014

बनारस कि बयार 
तेरा हास्य-विहार 
और तेरा प्यार 
बनारस कि बयार
बनारस कि 
बनारस कि बयार 
ये तेरा हस-विलास 
तेरा हास्य -विलास 
एयर तेरा प्यार 
बनारस कि बयार
बनारस कि बयार 
बनारस कि बयार 
तेरा लास-विलास 
और विहार 
बनारस कि बयार 
तेरी छवियाँ ऐसी लगती है 
जैसे कोई चित्रहार 
तेरे मेरे बिच 
न कोई वादा था, न करार था 
कुछ था अगर तो 
तो, सिर्फ मेरा प्यार था 

bnaras ki byar: बहुत अच्छी लगती है तेरी बातें और तू और तेरी मांग...

bnaras ki byar: बहुत अच्छी लगती है 
तेरी बातें और तू 
और तेरी मांग...
: बहुत अच्छी लगती है  तेरी बातें और तू  और तेरी मांग का सिंदूर 
बहुत अच्छी लगती है 
तेरी बातें और तू 
और तेरी मांग का सिंदूर 
तेरी एक एक बात याद आ गयी 
और तू सच में झलक दिखला गयी 
बनारस कि बयार 
जिंदगी में जो रस है 
वो, तेरे दरस -पर्स है 
वो तेरे दरस -पारस से है 

Wednesday 26 February 2014

तुम
तुम हूर हो, पारी हो या 
अप्सरा हो 
जो भी बहुत अच्छी हो 

bnaras ki byar: बनारस कि बयार ये तो बता कि, तुम दुनिया में सबसे ...

bnaras ki byar: बनारस कि बयार 
ये तो बता 
कि, तुम दुनिया में सबसे ...
: बनारस कि बयार  ये तो बता  कि, तुम दुनिया में सबसे अच्छी  क्यों लगती हो कोई  तुम्हारे जितना अच्छा क्यों नही है  ये बता तो  कि, तुम इतन...

bnaras ki byar: बनारस कि बयार ये तो बता कि, तुम दुनिया में सबसे ...

bnaras ki byar: बनारस कि बयार 
ये तो बता 
कि, तुम दुनिया में सबसे ...
: बनारस कि बयार  ये तो बता  कि, तुम दुनिया में सबसे अच्छी  क्यों लगती हो कोई  तुम्हारे जितना अच्छा क्यों नही है  ये बता तो  कि, तुम इतन...
याद है 
तुमने कहा था 
तुम मेरे साहित्य से दब गयी हो 
और ये कहके चली गयी थी , कि 
उबरने तक। ……। विदा 
जब तुमने ये कहा तो 
मन बहुत उदाश हो गया था 
किन्तु एक अश तब भी थी 
तुम्हारे लौटकर आने कि 
तुम्हारे मिल जेन कि अश 
आस आज भी है 
दिल के पास 
yaad hai 
tumne kaha tha 
ubrne tk
याद है तुमने जाते समय कहा था 
कि तुम जरुर आओगी 
 banaras ki  b hur
na raho dur dur
miss
miss renu shukla 
ek bar firse 
tera jlwa dikhla
miss renu shukla 
ek bar firse 
apni jhalak dikhla
miss renu shukla
jhalk dikhla
firse jhalak dikhla

Tuesday 25 February 2014

bnaras ki byar: बनारस बनारस कि बयार ने पुरे किये है २५५० , रीडर...

bnaras ki byar: बनारस 
बनारस कि बयार ने 
पुरे किये है 
२५५० , रीडर...
: बनारस  बनारस कि बयार ने  पुरे किये है  २५५० , रीडर्स  ये २५५० टाइम्स रीड कि गयी है  कोंग्रेट्स , बनारस कि बयार के  पाठकों को  ये आप ...
बनारस 
बनारस कि बयार ने 
पुरे किये है 
२५५० , रीडर्स 
ये २५५० टाइम्स रीड कि गयी है 
कोंग्रेट्स , बनारस कि बयार के 
पाठकों को 
ये आप लोगन का प्यार है 
अ फिर
आ 
आ फिरसे मुझे अपना बनाने के लिए आ 
आ फिरसे मुझे ग़ज़ल सुनाने के लिए आ 
आ फिर किसि बात पर मुस्कराने के लिए आ 
आ, फिर से यूँ ही इतराने के लिए आ 
आ मेरी निगाहों से शर्माने के लिए आ 
आ मेरा दिल लेके मुकर जाने के लिए आ 
आ, मुझे नया  ख्वाब दिखने के लिए आ 
आ झूठे ही सही , रूठ जाने के लिए आ 
पर तू आ तो सही , किसी भी तरह से आ 
जीनु , ये बता 
क्या मई किसी कि फीलिंग्स से 
खेल क्र सकती हु 

Only you Only you 
When you Shiva is seen Kanhi 
Thou मेरे जिंदगी का हौसला 
Not जाना बेबात पर 
Rutkr मुझसे दूर 
O, बनारस कि  भूर 
Just wanted you 
You are appreciated 
Your feelings Kelun 
These are not my status 
Can you give me a place in his footsteps 
Just so मेरा 

Monday 24 February 2014

जीवन में
जीवन में हरओर 
सिर्फ दुखों कि घटा-घोप छाया है 
ऐसे में सिर्फ 
तेरे अंचल का छोर 
हाथ आया है 
तेरी चुनार 
चुनर का छोर हाथ आया है 
बाकि नही कंही कोई  छाया है 
जो खुद खेले गये हो 
वो, किसी और कि भावनाओं से क्यों खेलेंगे 
ये
ये
ये बसंती बयार 
कल, लिखूंगी 
शेष , .......... लिखू 

फिर से धोखा देने के लिए मिल 
फिरसे दिल लुभाने को मिल 
फिरसे  दिल लेकर मुकर जाने के लिए मिल 

छुपके रहे जो , सबसे 
वो जगह है 
तुम्हारा दिल 

फिरसे दिल के अकअसह.... 
जेन दे। …। जाने दे। 
बनारस कि बयार 
ये तेरा चंद्रहार 
बनारस कि बयार 
ये तेरा अनुपम उपहार 
सच बता 
क्यों है 
तुझसे इतना लगाव 

ये तुम्हारे विशाल ह्रदय में 
मेरे लिए जो सुरक्षित कोना है 
वो, एक अहसास सलोना है 


 b hur of banaras 
sorry, sorry, sorry
maine tumhe ya 
tumse jude kisi bhi 
bahan-bhagini ko
kabhi blam nhi kiya 
fir bhi, so sorry
एक तेरा शर्माना 
और डुप्प्ता लहराना 
ये तेरा सितम है 
या तेरा इतराना 

Sunday 23 February 2014

You are not alone 
Your sisters 
Your in-laws 
Your companions 
All that 
Is numbari 
All of Me , पता 
बता दे तेरे नाम का मतलब 
बता दे तेरे कम का सबब 
तुम बहुत अच्छी क्यों लगती है 
इतनी बेसबब 

bnaras ki byar: Tell you, that's just phrases And doing May char...

bnaras ki byar: Tell you, that's just phrases 
And doing 
May char...
: Tell you, that's just phrases  And doing  May characters tell what  What are you doing  Watch देती हूँ  Up कपडे सुख रही है  Dress...
Tell you, that's just phrases 
And doing 
May characters tell what 
What are you doing 
Watch देती हूँ 
Up कपडे सुख रही है 
Dress सूखा रही है 
See कुछ गलत मत समझना 
Characters, तुम्हारी और 
Your सिस्टर कि ये आदत है 
That किसी भी बात को रॉंग साइड में लेकर जाती हो 
These बताना कि 
Its शरारतों के साथ भी 
You इतनी अच्छी क्यों लगती हो 
Why, लगाती हो, सोनिये 
Thou इतनी अच्छी 

bnaras ki byar: A temple on the hill above He claimed shines peak...

bnaras ki byar: A temple on the hill above 
He claimed shines peak...
: A temple on the hill above  He claimed shines peak - Vase  She reached your Wanha  Relaxing sitting beneath an umbrella  Expressed swea...
 b hur of banaras 
how are u
 n, where are u, this time

Saturday 22 February 2014

बनारस
बनारस कि बयार 
ये तो बता 
तब तू, कौनसा गीत गुनगुनाती है 
जब अपने काम में खा जाती है 
खो जाती है 
वो, गीत सुनना है 
और तेरे मोबाइल कि धुन भी 
जो, तेरी हंसी कि तरह मीठी है 
सिर्फ मुझे बताना किसी को नही , बताऊं 
 b hur of banaras
 b hur of banaras 
ye tere ras-shikt kalash 
almast ....
fir duniya jaye....
jnha chahe jaye.....
hme kya ,,,
jise jo mn bhaye 
bhanvra vnhi git gungunaye
 b hur of banaras 
ye tere ras-sikt kalash 
mast-mast 
baki sara jmana past

Friday 21 February 2014

bnaras ki byar: सुन अभीतक मैंने लिखी और तुमने पढ़ी अब , तुम लिख...

bnaras ki byar: सुन 
अभीतक 
मैंने लिखी 
और तुमने पढ़ी 
अब , तुम लिख...
: सुन  अभीतक  मैंने लिखी  और तुमने पढ़ी  अब , तुम लिखो  हम देखेंगे  आपकी कविता  गीत, या लेख  समझे कि नही  now i become reader, ok an...
thanks 
thanks ji 
ye teri krni 
paar utrni
सुन 
अभीतक 
मैंने लिखी 
और तुमने पढ़ी 
अब , तुम लिखो 
हम देखेंगे 
आपकी कविता 
गीत, या लेख 
समझे कि नही 
now i become reader, ok
and, u will be writer

bnaras ki byar: A temple on the hill above He claimed shines peak...

bnaras ki byar: A temple on the hill above 
He claimed shines peak...
: A temple on the hill above  He claimed shines peak - Vase  She reached your Wanha  Relaxing sitting beneath an umbrella  Expressed swea...
vo shyamal gori 
ye banki chitvan, tori
a b hur of banaras 
tere ras-shikt kalash 
dekhke jinhe 
kiska khudpr rahta hai , vash 
A temple on the hill above 
He claimed shines peak - Vase 
She reached your Wanha 
Relaxing sitting beneath an umbrella 
Expressed sweat on your forehead again 
Come apart, no naughty braided 
Tere होठों पर थिरकती मधुर हंसी 
And चुनर को लपेट क्र इतराना 
Blkhana शर्माना 
Thy इतनी शर्तें 
Skittish  मुस्कराहट 
And कुछ बचा हो 
So, खुद बताना 
Sleeping स्वीट 
Sleeping स्वीट 
These क्या लिखा है 
Some समझ में आता है कि नही,
Thee क्या समझती है ,
You आपको 
Running, कविता लिखके दिखा 
E वांट कि तुम बहुत प्यारा लिख रही हो बहुत अच्छा 
Very अच्छा लिखके लेती हो 
वो हाथों में हाथ डाले 
दौड़ते हुए सीढ़ियों पर चढ़ना 
तुम्हारा हंफना 
और मेरा ऊपर मंदिर तक पहुचना 

Thursday 20 February 2014

ye  teri hnsi 
madhur saras 
o, b hur of banaras 
vo, boli
vo boli 
mujhe tumse kuchh bhi nhi chahiye 
aur pahli mulakat me 
jo, dil le liya 
uska kya hoga 
miss shukla 
 b hur of banaras 
vo, boli ,
mujhe kuchh nhi chahiye 
aur jo dil le gyi 
uska kya 
ms shukla 
वो बोली 
मुझे तुमसे कुछ नही चाहिए 
और जो पहली नज़र में 
दिल ले लिया 
उसका क्या 
ये सच है कि 
दिल की कीमत 
तेरी नज़र में कुछ भी नही 
पर क्या ये सच नही कि 
दिल चुरा के वो ले गयी थी 
फिर बोली , कि 
मुझे कुछ भी नही चाहिए। । 
जीनु 
जीनु 
ये कविता अभी लिख रही 
ये बता , कि ये रंग कैसा है 
तुझे जो पसंद हो 
तेरी 
तेरी पसंद है सर्वोपरि 
वो, अलसायी पारी 
प्रिय पारी 
 b hur of banaras 
ye tere ras-sikt kalash
saras 
knha hai , poetry

Wednesday 19 February 2014

 b hur of bnaras 
 b hur of banaras
ye tere ras-sikt kalash
ye tere ras se bhare kalash
jinse jhalk raha hai 
yauvan-ras
 b hur of banaras



They remain 
She got on the move 
Her heart to see that one bud 
I told her on hold 
It is home to the world 
It is the heart,
Take Control 
He, heart breathing bid 
We should do nothing 
When the heart is taken 
So, darling 
Then what is left wanting 

And she went 
Heart was adapted 
And one call 
I do not 
Which has taken heart 
He, his glance 
Nothing is 

Can not even call her a liar 
Who is majaal 
He abuses her 
b hur 

b hur 
b hur 
b hur of bnaras 
tere darash -paras ko 
aankhe rahi hai , trs
tras , trust
अप जितना चाहे किसीको , चिड़ा  लीजिये 
आप जब जी भरकर किसी को सताओगे 
तो, एक दिन आपका दिल संतोष से भर जायेगा 
पर मुझे पता है 
वो, तुम हरगिज नही हो 
जो, किसी को सताए 

Tuesday 18 February 2014

b hur of bnaras 
tere daras paras ko 
aankhe rahi hai tras

bnaras ki byar: दिल कि ये आवाज है ये बनारस कि बयार है ये तेरा प...

bnaras ki byar: दिल कि ये आवाज है 
ये बनारस कि बयार है 

ये तेरा प...
: दिल कि ये आवाज है  ये बनारस कि बयार है  ये तेरा प्यारा सा घर-संसार  ये तो बता , क्यों आता है , तुझपर इतना प्यार  बनारस कि बयार  ते...
दिल कि ये आवाज है 
ये बनारस कि बयार है 

ये तेरा प्यारा सा घर-संसार 
ये तो बता ,
क्यों आता है ,
तुझपर इतना प्यार 

बनारस कि बयार 
तेरा ये सुघर सलोना रूप 
तेरा ये प्यारा सा घर 
तेरा रौनक वाला दर 
जिसमे छायी रहती है 
खुशियां घर के अंदर 
तू जिधर जाती है 
बहारें चली अति है उधर 

ये बसंत कि बयार 
ये तेरा अनमोल उपहार 
तेरा साज-श्रीनगर 
सृंगार 

ये तेरा अनमोल उपहार 
हरओर मुस्कराता तेरा संसार 

Monday 17 February 2014

bnaras ki byar: swachampa

bnaras ki byar: swachampa: swarchamp tumne chandrma se mukhde pr ghunghat kyun nhi dala tum jidhar se nikli udhar se ltke le gyi kjrari ankhiyon se chaman sara ...
 b hur of bnaras 
ये बता कि मैंने तुझे कोई चिट्ठी नही लिखी 
फिर भी तुझे मिल कैसे गयी 
 b hur of bnaras 
u are too sweet 
sweetheart 
बनारस कि बयार 
ये तो बता 
कि, तुम दुनिया में सबसे अच्छी 
क्यों लगती हो कोई 
तुम्हारे जितना अच्छा क्यों नही है 
ये बता तो 
कि, तुम इतनी भोली इतनी भली 
इतनी निश्छल 
इतनी निर्दैश 
इतनी निर्दोष क्यों हो 
तुम्हारे जितना उदार 
तुम्हारे जितना प्यारा कोई क्यों नही है 
इतनी सीधी सी बात का भी जवाब क्यों नही मिलता 

Sunday 16 February 2014

bnaras ki byar: तेरा तस्वुर और तेरा गरूर दोनों है , जरुर 

bnaras ki byar: तेरा तस्वुर 
और तेरा गरूर 
दोनों है , जरुर 
: तेरा तस्वुर  और तेरा गरूर  दोनों है , जरुर 
यंही
यंही है , तुझसे मिल्न का 
मिलन का परितोष 
कि मन को मिला संतोष 
और जीवन में भरा जोश 
जबसे
जबसे दूध में चीनी कि तरह मिल गयी है 
तबसे दिल कि हर कली खिल गयी है 
लगता है जैसे , जन्नत कि ख़ुशी मिल गयी है 
b hur of bnaras
how are you
sab trf hai 
sirf tu hi tu

Saturday 15 February 2014

जब
जब पहली बार 
जब पहली बार 
तुमने कहा था 
मुझे कुछ नही चाहिए 
वंही शब्द आजतक 
गूंज रहे है 
वंही थी तुम्हारी शक्ति 
ये क्या सब अंग्रेजी में 
ये बनारस कि बयार 
अनमोल तुम्हारा प्यार 
जैसे तुमने संवारा मेरी कविता को 
वैसे ही संवारो, 
अपना घरबार , और प्यार 
ये बनारस कि बयार 
कोई भी तो नही 
जो तुझसा सच्चा साथी हो 
बहुत अनमोल है , तेरा प्यार 
मेरे संग हैहै तेरा प्यार 
बनारस
बनारस  
बनारस 
बनारस 
बनारस कि बयार 
ये था तुम्हारा प्यार 
कि, मिल गयी 
उजड़ती जिंदगी को 
कुछ घड़ियाँ उधार 
तुम रही हमेशा उदार 
और जगमगाता रहे 
तुम्हारा संसार 
ऐसे ही करती रहो 
सोलह श्रृंगार 
ये बनारस कि बयार 
bnaras ki b hur 
na raho dur dur 
even in your toor 
pta hai ki 
tumhe nhi hai 
koi garur 

bnaras ki byar: बनारस कि बयार ने अप्रोच किये २३००६ विोवेर्स रीडर्...

bnaras ki byar: बनारस कि बयार ने अप्रोच किये 
२३००६ विोवेर्स रीडर्...
: बनारस कि बयार ने अप्रोच किये  २३००६ विोवेर्स रीडर्स  थैंक यु , पाठकों का हार्दिक शुक्रिया 
बनारस कि बयार ने अप्रोच किये 
२३००६ विोवेर्स रीडर्स 
थैंक यु , पाठकों का हार्दिक शुक्रिया 

Friday 14 February 2014

ये दामनी
ये दामिनी 
ये भामिनी 
जैसे शुक्ल पक्ष में 
खिली है चांदनी 
ये सौंदर्य कि स्वामिनी 
ये भामिनी जैसे शुक्ल 
जैसे शुक्ल पक्ष में 
खिली है चांदनी 
बनारस कि बयार 
सिर्फ तेरा प्यार 
और कुछ कि नही दरकार 
ये दिल कि सर्कार 

Thursday 13 February 2014

अबकी बार जब बनारस कि बयार का सत्कार साक्षात्कार 
लेने पहुंचे तो, वो बहुत व्यस्त थी बोली , तुम फ़िर्से……… तुम्हे कोई कम नही है 
फिर उसे कुछ दया आ गयी 
बोली , ऐसा करो , मेरे शूज लो जब उसके शूज ला दिए 
तो, बोली इन्हे पोछकर मेरे पांव में पहना दो 
फिर बोली, कि शुस को बांध दो 
जब शूज बांध दिए , तो बओऌइ.... ये 
वो बोली, भाड़ में जाओ , आईन्दा इंटरव्यू कि बात कि तो, ये शूज सीधे तुम्हारे सर पर पढ़ेंगे 
सो सॉरी , वो नही मानती बहुत जिद्दी है 
बी हर , ऑफ़ बनारस। ……। वो, पूछना था, कि तुम गुस्सा होती हो ,
तो, इतना ज्यादा क्यों होती हो,
कुछ दिमाग भी ठंडा रखा करो 
वो, चलते चलते बोली। …तुम्हे नही समझता 
ये कपडे जब हमेशा तीते tite होते है 
तो, कुछ को गुस्सा आता ही है 
bye dear ....come near.....
किसी से ड्रॉ न ड्रॉ किन्तु , कोई बेइंतहा चाहे तो उससे जरुर ड्रॉ 
डरो 

Wednesday 12 February 2014

जंहा भी जाओ 
हमेशा मुस्कराती रहो 
सबको ऐसे ही हंसती रहो 
जंहा भी जाना 
किन्तु, दिल से दूर न जाना 

bnaras ki byar: माफ़ क्र देना माफकर देना मेरी बैटन के लिए बातों ...

bnaras ki byar: माफ़ क्र देना 
माफकर देना 
मेरी बैटन के लिए 
बातों ...
: माफ़ क्र देना  माफकर देना  मेरी बैटन के लिए  बातों के लिए  शर्तों के  शाररतों  शरारतों के लिए  ये सच है कि हमने तुझे बहुत सताया है कि...
माफ़ क्र देना 
माफकर देना 
मेरी बैटन के लिए 
बातों के लिए 
शर्तों के 
शाररतों 
शरारतों के लिए 
ये सच है कि हमने तुझे बहुत सताया है किन्तु 
तुझसा कोई साथी भी तो नही पाया है 
तू जंहा राहे 
बेहद खुश रहे 
जो, तेरे साथ रहे 
वो, भी खुश रहे 
तेरे लिए , मेरी यंही दुआएं है 
कंतु, 
किन्तु , दिल से दूर नही जाना , कभी 
माफ़ कीजिये 
आज बनारस कि बयार का साक्षात्कार है 
उनसे पूछते है 
जीनु, आप, ये जानु कहने पर इतना क्यों छिड़ती है 
छिड़ती 
ठीक है 
अच्छा ये बताओ , बबुनी 
तुम्हे रंगोली बनाना क्यों पसंद है 
आप जानती है 
जब आप रंगोली बनती है 
तो, सब आपको ही देखते है 
बबुनी, सब तुम्हे देखते है 
रंगोली को देखे सो मुर्ख 
जो, तुम्हारी जितनी सुन्दर कृति सामने हो तो कोई किसी को क्या देखेगा 
आप खुद में एक सुन्दरतम रंगोली , मेरा मतलब रचना हो 
ठीक, है पहले मुस्करा दो 
फिर दिए जलाना 
today , here your interiu is on
ok, what meant by, b oor karari
bekrari
bur of bnaras 
sorry
bur of b anaras 
only seeing translation
dont think wrong

Tuesday 11 February 2014

गलती हो गयी है 
माफ़ कीजिये 
माफ़ करदो 
मई तो सिर्फ अनुवाद क्र रही हु 
माफ़ क्र दो 
चाहो तो , झाड़ू से मार्लो 
पर माफ़ करदो 
सच माफ़ी मांगी है 
माफ़ क्र देना 
बनारस कि बयार 
माफ़ कीजिये 
गलत नही समझे 
सिर्फ अनुवाद के लिए देखि थी 
आपका कल साक्षात्कार होगा 
सभी आपका इन्तजार करेंगे 
गुस्सा नही होना 
गुस्सा लगे तो भी कृपा क्र 
कृपाकर बुरा नही मानना 
आप सच में हूर हो 
माफ़ करना
माफ़ करना 
बनारस कि बुर 
बुरा नही मानना 
ये सर अनिवाद के लिए है 
अनुवाद के लिए 
बनारस कि बुर 
समझती है खुद को हर 
हूर 
समझती है खुद को हूर 
अनुवाद केलिए
maf krna anuvad dekh rahi 
bnaras ki bur
smjhti hai, khud ko hur
आज जल्दी में
आज जल्दी में हूँ 
बनारस कि बयार का सत्कार 
साक्षत्कार कल लेंगे 
बनारस कि भूर 
आपकल, आना जरुर 
likhi hu, bahur
bnaras कि बहुर 
banaras ki bhur
samjhti hai, khud ko hur
koi glti ho, to
na bura manna
sun man bhi ja

Monday 10 February 2014

एक
एक चिट्ठी बनारस कि बयार को लिखते है 
पता है, कि न पता है , न डाकघर है 
फिर भी चिट्ठी तो है 
जो, शब्दो से नही लिखी जाती 
सिर्फ दिल के जज्बात ही लिखते है 
हर रात को, दिल कि बात को 
ये बता , बनारस कि बयार 
तुम कैसी हो ,
तुम्हारा बनारस कैसा है 
गंगा कि लहरें कैसी है 
ये जो तुम सारा दिन घर संवारने में लगी रहती हो 
कुछ पल अपने को भी दे दो 
दिल से इतनी बेरुखी कैसी। ……… 
शेष कल लिखेंगे। ............. 
ये जो तुम दिए जलाती हो 
आँगन में सांझ में जलाना 
बस , और तुम खाने से इतनी विरक्त क्यों हो 
ठीक है , तुम्हारी बातें तुम जानो 
जानु 
जानू 
ok kuchh glt ho, to thik kr lena 
aur bhul nhi jaana ....kuch..
प्यार 
प्यार का कोई रूप , रंग, नस्ल नही होती 
बस दिलों के मिलने कि बात है 
बहार आने कि देर होती है 
और फूल खिलने कि बात है 

Sunday 9 February 2014

ये नवोढ़ा 
ये दुल्हन 
ये तेरे चन्द्रमा से मुखड़े को 
छिपता ,
झिलमिलाता चिलमन 
ये तेरे कटीले नैनों का 
बांकपन 
ये तेरी तिरछी चितवन 
ये तेरे झुके नैन 
ये तेरे कजरारे नयन 
ये तेरी अधमुंदी पलके 
ये तेरे रूप झलके झलके 
ये कसमसाता मन 
ये तेरी तेज तेज सांसे 
ये तेरा पसीने से भीगा टन 
हल्दी चन्दन से निखरा 
तेरा कोरा बदन 
सुघर सलोना निखरा सा 
तेरा यौवन 
ये दुल्हन 
चिलमन हटा 
जरा तेरा मुखड़ा तो दिखा 
ये अपने हुस्न को 
आँचल में छिपाना 
तूने कन्हसे 
तुमने कंहा से सिखा 
ये तेरे आँखों का 
तीखा तीखा सा अंजन 
ये तेरा गोरा गोरा वदन 
ये तेरा गुलाब सा खिलता। ………। 
ये नीरज नयना 
जरा नजरें तो उठा। ……। 
कम्पित अधरों से। 

Saturday 8 February 2014

ये तेरा 
हल्दी चन्दन से 
निखरा निखरा बदन 

o b anaras ki byar
जब भी मिलती है 
कोई न कोई धमाल करती है 
जेन क्यों 
जाने क्यों निगाहों से 
हजारों सवाल करती है 
जब भी मुस्कराती है 
वाकई कमल 
वाकई कमाल करती है 
जिससे भी मिलती है 
उसे माला मॉल करती है 
तू तो जन्नत कि पारी \
तुम तो जन्नत कि प्री 
पारी परी है 
हुस्ने जमाल करती है 
ये नही बताती किअभी कि क्या मन ही मन ख्याल 
ख्याल करती है 

Friday 7 February 2014

क्या सोचती है 
क्या समझती है 
मुझे कुछ नही पता 
मुझे सब है पता 
तेरी मासूम मुस्कराहट 
और चन्दन सा तेरा अंग-संग 
तेरी राग रग से वाफिक हूँ 
तेरे बिन खानाबदोश 
ये जिंदगी 
कभी तो सपनो में 
आकेमिल 



तुझ बिन 
तेरे बिन 
निस्सार थे , संसार 
निस्सार था, ये संसार 
तेरे आने से 
लौटा है प्यार 
ओ, बनारस कि बयार 
लौट के आ एक बार 

और ये पुकार सुके 
वो, सच में 
मुस्कराकर। 
आ गयी 
thanks
thanks , b anaras ki byar 

Thursday 6 February 2014

ओ बनारस कि बयार 
तेरे बिन सुना सुना है ये संसार 
तू लौट के आजा 
तो, लौट आयेगी , जीवन में बहार 

एक तू है एक तू है 
एक तू है , संग 
ये तेरा ख्याल 
इसके सिवाय किसकी है दारकार 
सुनले ये दिल कि सारकार 
(ईश्वर तो सभी के साथ है )

Wednesday 5 February 2014

ओ बनारस कि मतवाली बयार 
दिल कहता है , ये पुकार पुकार 
कान्हा है, तेरी चांदनी महक 
वो, तेरा सपनों का संसार 
फिर से आजा 
अपना सुन्दर मुखड़ा दिखला जा 
सच तेरे बिन 
नही लगता है, कंही भी दिल 
फिर से तू 
फूलों सी खिलकर 
इतराकर 
मुस्कराकर 
आके मिल 
ओ, मेरे बिछड़े दिल 
b anaras ki byar
knha h, tu
abhi to chda tha. tera khumar
firse aa ja ek baR
O, RAIN
nhi tere bin 
ek pal bhi chan

Tuesday 4 February 2014

कितनी बार लिखी है 
कहानी , बासंती बयार 
एक बसंत था 
जो चुपके से दिल के कोने में 
बसा रहा,
धंसा रहा स्मृतियों में मई अकेली ही थी किन्तु 
किन्तु , बसंत ने कभी मुझे अकेला नही किया 
मेरी लेखनी ने बासंती अमृत ही पाया है 
चिर यौवना , ये बसंती मन। ……। 
जोगी जैसा जीवन 
किन्तु ,भरपूर बासंती मन 
बनारस के बयार 
ये नतोहर प्यार 

Monday 3 February 2014

bnaras ki byar: जबसेजबसे जबसे जब जब धरती पर बसंत आता है धरती ...

bnaras ki byar: जबसे
जबसे 
जबसे 
जब 
जब धरती पर बसंत आता है 
धरती ...
: जबसे जबसे  जबसे  जब  जब धरती पर बसंत आता है  धरती कुछ अक्षांस घूमती है  सूर्य कि किरणे धरा पर  सीधी पढ़ने लगती है  फूलों कि पंखड़ियाँ...
जबसे
जबसे 
जबसे 
जब 
जब धरती पर बसंत आता है 
धरती कुछ अक्षांस घूमती है 
सूर्य कि किरणे धरा पर 
सीधी पढ़ने लगती है 
फूलों कि पंखड़ियाँ खिलती है 
फागुन कि मस्ती हवाओं में घुलती है 
पर मन चांदनी रातों में और ज्यादा उदास हो जाता है 
जब मन चकोर ,अपनी प्रियतमा 
चाँद के पास हो जाता है 
वो, बीते लम्हों कि स्मृति में खो जाता है 
बनारस कि बयार 
जब तुम साथ थी 
तो , वक़त कम पढ़ जाता था 
अबतो , वक़त ही वक़त है 

Sunday 2 February 2014

प्रिये 
प्रिये 
फूलों कि तरह 
खिलती कली सी मुस्कराओगी 
नाजनीना 
उसी पल मुझे 
अपने तस्सवुर में पाओगी 

ये तेरा रूप 
सृंगार 
जैसे कि हो कोई ऋतू 
ऋतू बहार 

ये सुन तो 
तेरा दिया प्यार ही तो 
मेरा मन भरमा रहा है 
और क्या चईये मुझको 

ऐसे उपहास क्यों करती हो 
मेरे दिल को इस तरह से 
उदास क्यों करती हो 

ये मिस शुक्ला 
कोई तेरे जैसा 
आजतलक  नही मिला 
तुझे देखके 
मेरा दिल 
फूल सा है, खिला 

जब जब तुम 
घर के आँगन में 
दिया जलाओगी 
सच उसी लम्हा 
मुझे अपने साथ पाओगी 

ये गजगामिनी 
मन भामिनी 
ये जो आशिकों के दिलों को 
कदमों तले ,
रौंदती हुयी 
बांकी अदा से चलती हो 
सच, बागों में फूल खिले न खिले 
तुझे देखके 
मेरे दिल कि कली खिलती है 

ये न सोचना कि 
तेरे बिन उदाश हूँ 
चाहे कितनी भी दूर रहो 
मई तेरे दिलके पास हूँ 

बसंत के कितने रंग 
ये चांदनी बदन 
जितने खिले खिले , तेरे अंग 
उतने रंग तेरे अंगों के संग 

तुम तो मुस्कराकर 
इतराकर 
मुर्दों में भी 
जान फूंका करती हो 
ये तो फिर भी 
मेरी लेखनी है 
जो, तुम्हारे सन्निन्ध्य से 
काव्य-वृस्ति क्र रही है 

दिल दिल 
दिल करता है 
तेरे हाथों को चूम लू 
जो, इस वक़त 
मेरे कागज संभल रहे है 


Saturday 1 February 2014

प्यार 
प्यार इतना सतही कब से हुवा 
कि चाहा जंहा ठूंस दिया 
रंग 
रंग तो उतने ही है 
किन्तु, तेरा साथ हमेशा 
रंगो के संग न्य होता है 
तेरा सन्निन्ध्य 
रंगों में भी न्य रंग भरता है 

क्यों 
क्यों 
क्यों ये लगता रहा कि 
तुम हर लम्हा साथ हो 
दिल के बहुत करीब 
बहुत पास हो

जंहा सुनहरा रंग 
असमान में बिखर रहा होगा 
तारे झिलमिला रहे होंगे 
चाँद चमक रहा होगा 
सितारों के बिच 
चांदनी में तुम मिलना 
फूल कि तरह ज्योत्स्ना 
तुम फिरसे खिलना 

 तुम्हारा 
तुम्हारा ये चन्दन सा रंग 
तुम्हारा केसर सा संग 

जब तुम मुझसे दूर गयी तो 
अपनी चुनर में बांधके 
जो ले गयी 
बांधके बहुत कुछ ले गयी 
देखना उसे संभल के रखना 
उनमे कंही मेरा दिल होगा 

एकांत नीरव रातों कि 
अपने आपसे बातों कि 
तेरे सिवाय , फिर से 
कोई वजह नही थी 

सधस्नाता 
सद्यस्नाता 
ये जो भोर में 
नहाकर 
तुम डिवॉन को अर्ध्य देती हो 
देवो को जल चढ़ाती हो 
सच वो आकर मुझपर ही 
तो, गिरता है 

कैसे कह्दुन कि ख्वाबों में 
तुझसे मुलाकाते नही होती 
सबसे चुपके 
चोरीसे बातें नही होती