जीनु
रोज एक कविता
या एक लैटर का वादा था
देख निभाना है
लिखना है
एक कविता रोज तेरे लिए
ये बता इतने ढेर सारे काम
तुम क्यों क्र निकल लेती हो
कभी तो चैन से रहा करो
ये तुम्हारे चुन्नू के रेस्ट का समय है
उठते ही सारे मोहल्ले भर का
चक्कर लगाएगा
अभी जरा उसे चलने भर दे
फिर देखना ,
तेरे नटखट कि मस्ती
रोज एक कविता
या एक लैटर का वादा था
देख निभाना है
लिखना है
एक कविता रोज तेरे लिए
ये बता इतने ढेर सारे काम
तुम क्यों क्र निकल लेती हो
कभी तो चैन से रहा करो
ये तुम्हारे चुन्नू के रेस्ट का समय है
उठते ही सारे मोहल्ले भर का
चक्कर लगाएगा
अभी जरा उसे चलने भर दे
फिर देखना ,
तेरे नटखट कि मस्ती
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