मन्नू ने अर्चना से ये लिखकर माफ़ी मांगी कि तुम चित
थी, मई पस्त था
वो लम्हा कितना खूबसूरत था
अर्चना ने उसे झाड़ पिलायी
वो, पल बहुत विकत था
जैसे रेल में
तू मुसाफिर बे-टिकट था
थी, मई पस्त था
वो लम्हा कितना खूबसूरत था
अर्चना ने उसे झाड़ पिलायी
वो, पल बहुत विकत था
जैसे रेल में
तू मुसाफिर बे-टिकट था
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