Thursday 6 March 2014

बनारस कि बयार 
बनारस कि बयार 
ये तेरा ह्रदय-द्वार 
तुम कहती कि बुराई नही लिखती 
तो, देखो, तुम्हारी यंही बुराई है 
सॉरी , तुममे यंही एक बुराई है कि तुम 
तुम, बहुत अच्छी लगती है 
सभी को मेरी क्या बिसात है 

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