इस बदमासी के विरुद्ध रम्भा ने खोला मोर्चा
और अपनी सजनी सभा में एक कविता
जवाब में सुनाई
रम्भा ने लिखा
वो मामला विकत था
मुझे ऐसा लगा , देखके तुझे
कि, रेल में मुसाफिर
बेटिकट था
इस कविता को
सजनी सभा ने पुरस्कृत किया
और अपनी सजनी सभा में एक कविता
जवाब में सुनाई
रम्भा ने लिखा
वो मामला विकत था
मुझे ऐसा लगा , देखके तुझे
कि, रेल में मुसाफिर
बेटिकट था
इस कविता को
सजनी सभा ने पुरस्कृत किया
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