Tuesday 18 March 2014

मन्नू नाराज रम्भा रानी के बिना व्याकुल रहा 
बहुत दिमाग लगाकर एक कविता लिख मारी 
लिखा क्या मन्नू ने 
मन्नू ने कविता लिखी 
रम्भा रानी ,
तेरे बिन दिल नही लगता 
कभी तो एके मिल 
अकेले में 
               फिर उसने सुधरकर लिखा 
रम्भा रानी 
तेरे बिन दिल नही लगता 
कभी तो मिल अकेले में 
ताऊ के तबेले में 
आकर मिल 
                    
इसके 
इसके बाद रम्भा ने मन्नू को ठीक से समझा दिया है 
कि, ऐसी हरकत की तो, खैर नही           
आशा है, मन्नू को भैंस कि अक्ल अ जायेगी 
उसका दिमाग तबेले से बहार आ जायेगा 

No comments:

Post a Comment