Sunday 23 March 2014

बनरा कि बयार 
यद् है 
जब तुमने हाफ कप चाय दी थी 
ये पूछने पर कि 
क्या आपको , कुछ बनाते आता है 
तुमने वो टी दी थी 
कितना चुपके से गुजर गये 
वो, लम्हे तुम्हारी शरारतों से। । आजभी लगता है 
कि, तुम पास हो, 
नही हो , यदि दूर हो तब भी 
दिल में हो 
बनारस कि बयार 
रूठना नही 
कभी मिलना जरुर 

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