बनरा कि बयार
यद् है
जब तुमने हाफ कप चाय दी थी
ये पूछने पर कि
क्या आपको , कुछ बनाते आता है
तुमने वो टी दी थी
कितना चुपके से गुजर गये
वो, लम्हे तुम्हारी शरारतों से। । आजभी लगता है
कि, तुम पास हो,
नही हो , यदि दूर हो तब भी
दिल में हो
बनारस कि बयार
रूठना नही
कभी मिलना जरुर
यद् है
जब तुमने हाफ कप चाय दी थी
ये पूछने पर कि
क्या आपको , कुछ बनाते आता है
तुमने वो टी दी थी
कितना चुपके से गुजर गये
वो, लम्हे तुम्हारी शरारतों से। । आजभी लगता है
कि, तुम पास हो,
नही हो , यदि दूर हो तब भी
दिल में हो
बनारस कि बयार
रूठना नही
कभी मिलना जरुर
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