Saturday 8 March 2014

बनारस कि बयार 
आपके घरबार में आपका रहे अधिकार 
आपको मिलता रहे 
ऐसे ही, सबका प्यार 
आप अपने संसार में मग्न रहो और 
अपने शिशु को खूब खिलाओ 
साथ ही, तुम्हारे जो भी 
शौक है 
आप जो भी करना चाहती है जैसे लिखना या सिखा 
सिक्षा का 
आप जो भी सीखना, सीखना करना चाहती है अॊको जो भी 
कम आता है 
आपको, जो भी पसंद है 
वो, सब आप करो घर व् दोस्ती के आलावा तुम सभी में संतुलन बनाकर चलो तुम्हारा जीवन सहज खुशियों से जगमगाता रहे 
तुम्हे सभी का स्नेह मिले जीवन-साथी का 
हर कदम पर साथ व् सहारा मिले 
तुम हमेशा जूही के फूल कि तरह खिलो 
और हरसिंगार कि तरह सजो 
हमेशा रोज मुस्कराती हुई 
सपनों में मिलो 

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