Thursday 6 March 2014

आप सपने में आयी 
और मुस्करा रही थी क्या बताना छह रही थी क्या 
किसी बात से आगाह क्र रही थी, आप 
वर्ण , वरना आप यूँ सपने में नही आती 
शायद आप कोई सन्देश दे रही हो 
जो, भी हो 
दिए जलाये 
शाम को दहलीज आँगन पर 
आपकी सिद्दी  पूजा -अर्चना से मुझे 
शांति, सुकून, व् सफलता मिले 
आप मुझे जिंदगी में बचा सको 
यंही, शिव जी से प्राय कीजिये 

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