Friday 28 March 2014

वो, तेरा दूध मुंह 
वो, तेरा दुधमुंहा शिशु 
गोद में खलता 
मचलता 
अपनी मुट्ठियों में 
अंगलियों को, उमेठता 
वो, रोता , हँसता 
उसकी मुस्कराहट में  क्या सुख नही मिलता 

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